मदन साहु
सिसई (गुमला): सिसई प्रखण्ड के रणजीत नारायण सिंह सरस्वती विद्या मंदिर कुदरा, सिसई में जनजातीय गौरव दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के सभी आचार्य / दीदी जी ने भगवान बिरसा मुंडा की तस्वीर पर दीप प्रज्जवलित कर किया। भगवान बिरसा मुंडा की गौरवगाथा। कक्षा अष्टम के भैया गौरव ने एक कविता के साथ किया। वहीं कक्षा नवम के भैया सुमन ने गीत गाकर अपने श्रद्धा सुमन प्रस्तुत किए। बहन सोनी ने अपने संक्षिप्त भाषण के अन्तर्गत बिरसा मुंडा के कार्यों और आदिवासियों को एकजुट करने की उनकी नेतृत्व क्षमता की सराहना की।
बहन दीक्षा ने उन्हें रांची, खूंटी, चाइबासा तथा सिंहभूम क्षेत्र के एक विशिष्ट व्यक्ति के रूप में सराहा। जिन्होंने जनजातीय एकता का सूत्रपात किया। कक्षा नवम की बहनों ने एक नृत्य एवं गीत पर सभी उपस्थित लोगों को भाव विभोर किया। कार्यक्रम में विद्यालय के सभी आचार्य दीदी जी उपस्थित रहे। जिनमें कौशल्या कुमारी, ममता कुमारी ,सरिता मुखर्जी , कमल सिंह, मृत्यंजय कुमार मिश्र, जितेन्द्र कुमार साहु तथा नाथू भगत प्रमुख थे। महावीर गोप जी ने कार्यक्रम की तैयारी में अपनी सराहनीय भूमिका अदा की।

बहन कात्यायनी ने झारखंड को खनिज सम्पदा तथा कुशल कारीगरों से सुसम्पन्न क्षेत्र बताया। वहीं कक्षा षष्ठम के भैया हर्ष राज ने भगवान बिरसा मुंडा की जीवनी पर संक्षिप्त प्रकाश डालते हुए जमींदारों की तानाशाही और तत्कालीन कर व्यवस्था भगवान बिरसा के उद्भव का प्रमुख कारण था। कक्षा नवम की बहन श्रेया ने भगवान बिरसा मुंडा को शिक्षा, अनुशासन और संकल्प का दूसरा नाम बताया। तथा आत्मसम्मान की गौरवपूर्ण भावना ने उन्हें एक साधारण मानव से भगवान का दर्जा दिला दिया। कक्षा सप्तम की बहनों ने एक संथाली नृत्य से झारखंड की धरती की कला संस्कृति से हमारा उत्कृष्ट परिचय कराया।
