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भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर सीसीएल मुख्यालय में मनाया गया जनजातीय गौरव दिवस, सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रही धूम

On: November 13, 2025 7:39 PM
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रांची: सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) मुख्यालय, रांची में भगवान बिरसा मुंडा जी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में 1 जनवरी से 15 नवम्बर, 2025 तक चल रहे ‘जनजातीय गौरव वर्ष-2025’ के अंतर्गत आज एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के अदम्य साहस, संघर्ष और बलिदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।


कार्यक्रम का शुभारंभ पारंपरिक विधि से मुख्य एवं विशिष्ट अतिथियों के स्वागत और दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।

इस अवसर पर सीसीएल सरना समिति के सदस्यों ने मुख्य अतिथियों निदेशक (वित्त) श्री पवन कुमार मिश्रा, निदेशक (मानव संसाधन) श्री हर्ष नाथ मिश्र, निदेशक (तकनीकी/संचालन) श्री चंद्र शेखर तिवारी एवं विशिष्ट अतिथियों का पारंपरिक ‘सरना गमछा’ से सम्मान किया। कार्यक्रम में डॉ. मनोज अगरिया (नोडल अधिकारी, झारखंड राज्य ओपन यूनिवर्सिटी, रांची) एवं श्री प्रेमचंद उरांव (सहायक प्राध्यापक, कार्तिक उरांव महाविद्यालय, गुमला) विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। वहीं, डॉ. प्रीति तिग्गा (गांधीनगर अस्पताल) ने स्वागत संबोधन दिया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए निदेशक (वित्त) श्री पवन कुमार मिश्रा ने कहा कि “भारतीय संस्कृति में जनजातीय परंपराएं हमारी अमूल्य धरोहर हैं। भारत सरकार द्वारा 1 से 15 नवम्बर तक ‘जनजातीय गौरव पखवाड़ा’ मनाया जा रहा है ताकि देश भगवान बिरसा मुंडा जी जैसे वीर सपूतों के योगदान को याद कर सके।”

निदेशक (मानव संसाधन) श्री हर्ष नाथ मिश्र ने कहा कि “हम भगवान बिरसा मुंडा जी जैसी महान आत्मा को नमन करते हैं। उनका जीवन आत्मरक्षा, आत्मनिर्भरता और आत्मसम्मान का प्रतीक है। वे आज के युवाओं के लिए सच्ची प्रेरणा हैं।” उन्होंने उपस्थित सभी को झारखंड स्थापना दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं भी दीं।

निदेशक (तकनीकी/संचालन) श्री चंद्र शेखर तिवारी ने अपने संबोधन में कहा कि “झारखंड हरियाली और जनजातीय संस्कृति से समृद्ध प्रदेश है। भगवान बिरसा मुंडा ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ संघर्ष करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। उन्हें ‘धरती आबा’ की उपाधि इसलिए मिली क्योंकि उन्होंने आदिवासी समाज में स्वतंत्रता और स्वाभिमान की चेतना जगाई।”

कार्यक्रम के दौरान भगवान बिरसा मुंडा के जीवन पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म प्रदर्शित की गई, जिसे उपस्थित जनों ने सराहा। इसके पश्चात प्रसिद्ध लोक कलाकारों द्वारा स्थानीय भाषाओं में लोकगीतों और नृत्यों की मनमोहक प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम को सांस्कृतिक रंगों से भर दिया।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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