दुमका:आदिवासी सेंगेल अभियान के तत्वाधान में सालतोला पंचायत में तिलका मांझी की जयंती पर दी गई श्रद्धांजलि
दुमका:आदिवासी सेंगेल अभियान की ओर से आज रानीश्वर प्रखंड के सालतोला पंचायत अंतर्गत सालतोला गांव में कविता मुर्मू के अध्यक्षता में तिलका मांझी की जयंती मनाई गई।
दुमका जोनल हेड बार्नाड हांसदा ने कहा कि तिलका मुर्मू के पिता का नाम सुंदरा मुर्मू और माता का नाम पानो मुर्मू थे। सुंदरा मुर्मू तिलकपुर गांव के ग्राम प्रधान (आतु मांझी) थे और तिलका मुर्मू के माता पानो मुर्मू गृहणी थी। उनके पिता और माता के नाम से साफ पता चलता है तिलका मांझी संथाल परिवार में जन्मे एक संथाल आदिवासी समुदाय के थे। तिलका मांझी (मुर्मू) का जन्म 11फरवरी 1750 को हुआ है।
बिहार के सुल्तानगंज, भागलपुर क्षेत्र में पहाड़िया जनजाति के लोगों का भी निवास थे, तिलका मांझी संथाल और उन पहाड़िया जनजाति के बीच में रहकर पले बढ़े हैं, इसीलिए ही कुछ गैर आदिवासी इतिहासकारों को लगता है तिलका मांझी पहाड़िया जनजाति के है। संतालों का लिखित इतिहास अधिक नहीं है लेकिन फिर भी संतालों को याद है अपना गुजारा हुआ इतिहास कितना पुराना है। तिलका मांझी संतालों के लिए अंग्रेजों से लड़ाई लड़ने में कभी पीछे नहीं हटे है। संताल एवं आदिवासी समुदाय में इतिहासकारों की कमी होने के कारण दूसरे जाति समुदाय के इतिहासकारों द्वारा इस संथाल समुदाय के इतिहास को तोड़ मरोड़ा जा रहा है इतिहास के साथ छेड़छाड़ किया जा रहा है, इसलिए ही तिलका मुर्मू (मांझी )को पहाड़िया जनजाति के साथ कुछ इतिहासकारों द्वारा जोड़ा जा रहा है जो गलत जानकारी है। मांझी और मुर्मू सरनेम संतालों का है और तिलका, पानो और सुंदरा नाम भी अभी भी संतालों के बीच मौजूद हैं। तिलका मांझी का असली नाम तिलका मुर्मू है जबरा पहाड़िया नहीं। तिलका मांझी संतालो के बीच काफी लोकप्रिय है और उनका पुजा भी किया जाता है ओर संथालों के अनेकों लोक गीतों में उनका नाम है।
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