ISI Agents: बीते दिनों करीब एक दर्जन लोगों को पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इन जासूसों की एक पर एक कहानियां सामने आ रही हैं। इस बीच यूपी स्पेशल टास्क फोर्स (एटीएस) ने वाराणसी और दिल्ली से दो ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है जिनपर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का आरोप है। एटीएस ने वाराणसी से मो. तुफैल और दिल्ली के सीलमपुर से मो. हारून को गिरफ्तार किया है।
मो. तुफैल पर आरोप है कि वह भारत की आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी मोबाइल नंबर्स पर साझा कर रहा था। एटीएस की जांच में सामने आया कि तुफैल पाकिस्तान के प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक से प्रेरित था और संगठन के नेता मौलाना शाद रिजवी के वीडियो व्हाट्सएप ग्रुप में साझा करता था। वह गजवा-ए-हिंद , शरीयत कानून की स्थापना और बाबरी मस्जिद का बदला लेने जैसे उग्रपंथी विचारों का प्रचार कर रहा था। तुफैल ने देश के कई संवेदनशील स्थलों जैसे राजघाट, ज्ञानवापी, नमोघाट, जामा मस्जिद, लाल किला और रेलवे स्टेशनों की तस्वीरें और जानकारियां पाकिस्तानी नंबरों पर भेजीं। वह करीब 600 से अधिक पाकिस्तानी व्हाट्सएप नंबरों से जुड़ा हुआ था और स्थानीय युवाओं को भी इन ग्रुप्स से जोड़ रहा था। इसके अतिरिक्त, वह पाकिस्तान की एक महिला नफीसा के संपर्क में था, जिसका पति पाकिस्तानी सेना में कार्यरत है।
वहीं दिल्ली के सीलमपुर से गिरफ्तार मो. हारून स्क्रैप का व्यापार करता है, लेकिन पर्दे के पीछे वह पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात कर्मचारी मुजम्मल हुसैन के साथ मिलकर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल था। मुजम्मल के साथ हारुन ने वीजा दिलाने के नाम पर अलग-अलग खातों में कई लोगों से रुपये जमा करवाये। साथ ही हारून ने भारत की सुरक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां मुजम्मल को उपलब्ध कराईं। भारत सरकार पहले ही मुजम्मल हुसैन को पर्सोना नाॅन ग्राटा (अवांछित व्यक्ति) घोषित कर देश से निष्कासित कर चुकी है। हारुन के पास दो मोबाइल, 17 हजार रुपये बरामद हुए हैं।
एटीएस, जासूसी करने वाले इन दोनों के सम्पर्क में रहने वाले अन्य लोगों के बारे में पता लगा रही है।