गढ़वा: जिले में रविवार अहले सुबह एक दिल दहला देने वाला हादसा सामने आया। रंका थाना से करीब 600 मीटर दूर बोईला मोड़ के पास गिट्टी लदा ट्रेलर अनियंत्रित होकर पलट गया, जिसकी चपेट में आने से दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों की पहचान मानपुर गांव के केड़िया महुआ टोला निवासी राजू कुमार रवि (20) और उनके चचेरे भाई अनिल कुमार रवि (19) के रूप में हुई है। दोनों युवकों की उम्र कम थी और वे भविष्य के सपनों के साथ पुलिस भर्ती की तैयारी कर रहे थे।
कैसे हुआ हादसा
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सुबह करीब 5:30 बजे तेज रफ्तार ट्रेलर बोईला मोड़ के पास संतुलन खो बैठा और सड़क किनारे गिर पड़ा। उसी समय मॉर्निंग वॉक और दौड़ की तैयारी के लिए निकले दोनों युवक वाहन के नीचे दब गए। हादसा इतना भयानक था कि उनके शरीर के हिस्से अलग-अलग हो गए।
घटना की जानकारी मिलते ही हजारों ग्रामीण घटनास्थल पर जुट गए। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कटे हुए धड़ को निकालकर गढ़वा भेज दिया। बाकी हिस्सों को निकालने के लिए जेसीबी और क्रेन मंगाई गई, जिसके बाद शवों को बाहर निकाला गया।
ग्रामीणों का उबाल- थाना प्रभारी ने खेत में भागकर बचाई जान
शवों को मौके पर नहीं लाने और पुलिस की कार्रवाई से नाराज़ ग्रामीणों का गुस्सा भड़क उठा। उन्होंने थाना प्रभारी रवि कुमार केसरी पर नाराजगी जतायी और उन्हें खदेड़ना शुरू कर दिया। मजबूर होकर थाना प्रभारी पास के सरसों के खेत में भागकर अपनी जान बचानी पड़ी।
इसके बाद ग्रामीणों ने गढ़वा-अंबिकापुर एनएच 343 को थाना मोड़ के पास जाम कर दिया। लगभग सात घंटे तक सड़क पर आवाजाही ठप रही। छत्तीसगढ़ सहित कई जिलों को जोड़ने वाले इस मार्ग पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और यात्रियों में हड़कंप की स्थिति उत्पन्न हो गई।
जाम कर रहे ग्रामीणों ने साफ कहा कि जब तक दोनों शवों को घटनास्थल पर नहीं लाया जाता और थाना प्रभारी को निलंबित नहीं किया जाता, तब तक सड़क नहीं खोली जाएगी। साथ ही उन्होंने उपायुक्त को मौके पर बुलाने की मांग की।
प्रशासन के आला अधिकारी पहुंचे, पर नहीं बनी बात
सूचना पाकर एसडीओ रुद्र प्रताप, एसडीपीओ रोहित रंजन सिंह, सीओ शिवपूजन तिवारी, इंस्पेक्टर अभिजीत गौतम और भंडरिया थाना प्रभारी सुभाष पासवान मौके पर पहुंचे, लेकिन ग्रामीण मानने को तैयार नहीं थे। हालात बिगड़ते देख पंचायत प्रतिनिधि व पूर्व जिला बीस सूत्री उपाध्यक्ष नितेश कुमार सिंह ने मध्यस्थता की। काफी समझाने-बुझाने और मुआवजे के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने जाम हटाया।
मुआवजा और मदद
प्रशासन द्वारा दोनों मृतकों के परिवारों को दाह संस्कार हेतु 50-50 हजार रुपये तत्काल दिए गए। पूर्व मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर की ओर से 10-10 हजार रुपये की सहायता प्रदान की गई।
दोनों परिवारों पर टूटा दुखों का पहाड़
दोनों युवकों के पिता दूसरे राज्यों में मजदूरी करते हैं। घर की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है। दादा रामपति राम ने बताया कि दोनों युवा सिपाही भर्ती की तैयारी के लिए रोज सुबह सड़क पर दौड़ने निकलते थे, क्योंकि गांव में मैदान नहीं है। उन्होंने कहा कि किस्मत ने उनके सपनों को शुरू होने से पहले ही छीन लिया।
हादसे के बाद से पूरे इलाके में शोक और आक्रोश का माहौल है। परिजन लगातार रो-रोकर बेहोश हो रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि रंका-रमकंडा मार्ग पर भारी वाहनों की तेज रफ्तार और खराब मोड़ की वजह से लगातार हादसे होते रहते हैं, लेकिन प्रशासन सुधार की दिशा में कदम नहीं उठाता।
गढ़वा: रंका-रमकंडा मार्ग पर ट्रेलर पलटने से दो चचेरे भाइयों की मौत, गुस्साये ग्रामीणों ने थाना प्रभारी को खदेड़ा














