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UNIFORM CIVIL CODE: उत्तराखंड में सोमवार (27 जनवरी) से यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू होगा। इसको लेकर धामी सरकार की और से तैयारियां शुरू हो गई हैं। यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बनने जा रहा है। ऐसे में यूसीसी लागू होते ही कई नियम बदल जाएंगे। शादी का अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके लिए ग्राम सभा स्तर पर रजिस्ट्रेशन की सुविधा होगी। किसी जाति, धर्म या संप्रदाय का व्यक्ति हो, उसके लिए तलाक का एक समान कानून होगा।

यूसीसी लागू होने के बाद शादी, तलाक, लिव-इन रिलेशनशिप, वसीयत, उत्तराधिकार सहित तमाम मामलों में एक समान कानून लागू होगा। यूसीसी लागू होने पर हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, और अन्य समुदायों के लिए अलग-अलग पर्सनल लॉ को हटाकर समान कानून लागू हो जाएगा। यह कानून बच्चों के अधिकारों को सुनिश्चित करेगा, बच्चों को संपत्ति और पारिवारिक अधिकारों में समानता मिलेगी। समान नागरिक संहिता के इस मसौदे में अनुसूचित जनजातियों को पूरी तरह से बाहर रखा गया है। ट्रांसजेंडर, पूजा पद्धति, परंपराओं जैसे धार्मिक मामलों में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया है।

UCC लागू होने के बाद उत्तराखंड में क्या होंगे बदलाव

जाति, धर्म या संप्रदाय से परे तलाक के लिए एक समान कानून होगा फिलहाल देश में हर मजहब के लोग अपने पर्सनल लॉ के जरिए इन मामलों को सुलझाते हैं, वहीं, हलाला और इद्दत की प्रथाएं बंद होंगी।


लड़कियों को लड़कों के बराबर विरासत में हिस्सा मिलेगा।


लिव-इन रिलेशनशिप को रजिस्टर कराना होगा।


लिव-इन रिलेशनशिप से पैदा हुए बच्चे को भी शादीशुदा जोड़े के बच्चे के समान अधिकार मिलेंगे।


आधार कार्ड अनिवार्य होगा।


18 से 21 साल की उम्र के जोड़ों को माता-पिता का सहमति पत्र देना होगा।


बहुविवाह पर रोक लगेगी।


लड़कियों की शादी की उम्र, चाहे वे किसी भी जाति या धर्म की हों, 18 साल होगी।

सभी मजहब को बच्चे गोद लेने का अधिकार मिलेगा, लेकिन दूसरे मजहब के बच्चे को गोद नहीं लिया जा सकेगा।