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उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश अयोध्या स्थित मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी दोनों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी अयोध्या के फैजाबाद सीट जितने से समाजवादी पार्टी का मनोबल हाई था लेकिन विधानसभा उपचुनाव के परिणाम के लिए वोटो की गिनती शुरू है जिसमें भारतीय जनता पार्टी भारी बढ़त के साथ आगे बढ़ी हुई है।शुरूआती रुझानों के बाद बीजेपी प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान ने भारी बढ़त बना ली है।

यह सीट बीजेपी के लिए इसलिए काफी अहम मानी जा रही थी क्योंकि राम मंदिर निर्माण के बावजूद लोकसभा चुनाव में फ़ैजाबाद सीट पर भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा था।पार्टी अयोध्या की इस सीट पर जीत दर्जकर लोकसभा चुनाव में मिली हार का कलंक धोने की कोशिश में जुटी थी. लिहाजा बीजेपी ने लोकसभा चुनाव की गलतियों से सबक लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मिल्कीपुर में कमल खिलाने की जिम्मेदारी सौंप दी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिल्कीपुर सीट की कमान खुद अपने कंधों पर उठा रखी थी. उन्होंने न सिर्फ इस सीट पर कई दौरे और जनसभा की बल्कि अपने कैबिनेट के सात मंत्रियों को भी ग्राउंड जीरो पर उतर दिया। इतना ही नहीं 40 से अधिक मंत्रियों को लगाया गया ताकि जातिगत समीकरण को साधा जा सके. इसके अलावा लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने मौजूदा सांसद लल्लू सिंह पर भरोसा जताते हुए मैदान में उतारा था. पार्टी को राम मंदिर और अयोध्या के विकास पर भरोसा जताते हुए लल्लू सिंह को टिकट दिया, लेकिन दांव कामयाब नहीं रहा और पार्टी हिंदुत्व के सबसे बड़े अखाड़े में चरों खाने चित हो गई. यह सिर्फ बीजेपी के लिए झटका नहीं था बल्कि पूरे देश में बीजेपी की हार की खूब चर्चा हुई.

कार्यकर्ताओं की पसंद पर बीजेपी ने जताया भरोसा

उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव में मिली जीत पर भरोसा जताते हुए सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को टिकट दिया. लेकिन बीजेपी ने प्रत्याशी के चयन में काफी सतर्कता बरती. पुराने और अनुभवी नेताओं की दावेदारी को दरकिनार करते हुए पार्टी ने स्थानीय कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की सिफारिश को तवज्जो दी और पासी समाज से एक युवा चेहरे चंद्रभानु पासवान को मैदान में उतार दिया. और बीजेपी ने मुकाबले को पासी बनाम पासी बनाकर समाजवादी पार्टी खेमे में हलचल मचा दी थी. इसके बाद बेहतर चुनाव प्रबंधन में भी बीजेपी समाजवादी पार्टी से 20 ही साबित हुई है.

योगी के विकास मॉडल पर जनता का दिखा भरोसा

इसके अलावा मिल्कीपुर सीट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जितनी भी जनसभाएं की उसमें उन्होंने अपनी पार्टी के विकास की योजनों को आगे रखा. कानून व्यवस्था, सड़क, बिजली, पानी और कानून व्यवस्था के मुद्दे को भी उठाया. साथ ही समाजवादी पार्टी के परिवारवाद को भी खूब हवा दी. नतीजा यह रहा कि फर्स्ट टाइम वोटर और युवा मतदाता खुलकर बीजेपी के साथ दिखा. उसका मानना रहा कि सत्तापक्ष का विधायक उनके लिए ज्यादा विकास का काम कर सकता है.

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