UCC लागू करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड, जानें क्या होंगे बदलाव

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Uniform Civil Code: उत्तराखंड में आज 27 जनवरी 2025 से समान नागरिक संहिता यानी यूनिफार्म सिविल कोड लागू हुआ। इसी के साथ उत्तराखंड यह कानून लागू करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृ्त्व वाली उत्तराखंड सरकार ने सोमवार को देहरादून स्थित सीएम कैंप ऑफिस में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान यूसीसी कानून के लिए रूल्स मैनुअल यानी नियमावली पुस्तिका जारी किया। सीएम धामी की मौजूदगी में इस दौरान नए कानून के तहत आवेदन के लिए एक पोर्टल भी लॉन्च किया गया।

अधिकारियों ने बताया कि लोगों और अधिकारियों के लिए ऑनलाइन पोर्टल विकसित किए गए हैं, जिनमें आधार बेस्ड वेरीफिकेशन, 22 भारतीय भाषाओं में एआई आधारित ट्रांसलेशन सुविधा और 13 से अधिक विभागों और सेवाओं जैसे जन्म-मृत्यु पंजीकरण, डिस्ट्रिक्ट कोर्ट और हाई कोर्ट आदि में डेटा इंटीग्रेशन शामिल हैं। यह पोर्टल क्लाउड बेस्ड और डिजास्टर रिकवरी सिस्टम से लैस है।

UCC लागू होने से क्या-क्या होंगे बदलाव?

समान संपत्ति अधिकार: बेटे और बेटी दोनों को संपत्ति में समान अधिकार मिलेगा। इससे फर्क नहीं पड़ेगा कि वह किस कैटेगरी के हैं।

मौत के बाद संपत्ति: अगर किसी व्यक्ति की मौत जाती है तो यूनिफॉर्म सिविल कोड उस व्यक्ति की संपत्ति को पति/पत्नी और बच्चों में समान रूप से वितरण का अधिकार देता है। इसके अलावा उस व्यक्ति के माता-पिता को भी संपत्ति में समान अधिकार मिलेगा। पिछले कानून में ये अधिकार केवल मृतक की मां को मिलता था।

तलाक: पति-पत्नी को तलाक तभी मिलेगा, जब दोनों के आधार और कारण एक जैसे होंगे। केवल एक पक्ष के कारण देने पर तलाक नहीं मिल सकेगा।

लिव इन का रजिस्ट्रेशन जरूरी: उत्तराखंड में रहने वाले कपल अगर लिव इन में रह रहे हैं तो उन्हें इसका रजिस्ट्रेशन कराना होगा। हालांकि ये सेल्फ डिक्लेशन जैसा होगा, लेकिन इस नियम से अनुसूचित जनजाति के लोगों को छूट होगी।

संतान की जिम्मेदारी: यदि लिव इन रिलेशनशिप से कोई बच्चा पैदा होता है तो उसकी जिम्मेदारी लिव इन में रहने वाले कपल की होगी। दोनों को उस बच्चे को अपना नाम भी देना होगा। इससे राज्य में हर बच्चे को पहचान मिलेगी।

बहुविवाह और हलाला का अंत: मुस्लिम समुदाय में बहुविवाह और हलाला की प्रथा अब समाप्त हो जाएगी। दूसरी शादी की अनुमति तभी होगी, जब पहली पत्नी से तलाक हो चुका हो या वह नहीं रही हो।

गोद लेने का अधिकार: पहले मुस्लिम महिलाएं बच्चों को गोद नहीं ले सकती थीं। UCC के लागू होने के बाद, सभी धर्मों की महिलाओं को गोद लेने का समान अधिकार मिलेगा।

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