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बुलेट ट्रेन जैसी रफ्तार से दौड़ेंगी वंदे भारत 4.0, जानें कबसे कर सकेंगे सफर

On: October 24, 2025 3:35 PM
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Vande Bharat 4.0: अब भारतीय ट्रेनें केवल मंजिल तक पहुंचने का साधन नहीं, बल्कि एक शानदार अनुभव बन जाएंगी। भारतीय रेलवे अब एक ऐसी तकनीकी छलांग लगाने की तैयारी में है जो ट्रेन यात्रा की परिभाषा ही बदल देगी और ‘मेक इन इंडिया’ को वैश्विक ब्रांड के रूप में स्थापित करेगी।

बात हो रही है वंदे भारत 4.0 की, यह सिर्फ एक ट्रेन नहीं, बल्कि भारत के आत्मनिर्भर सपने का नया अध्याय है। रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि वंदे भारत का अगला संस्करण दुनिया की सबसे आधुनिक ट्रेनों को सीधी चुनौती देगा। उन्होंने कहा, “हमें वंदे भारत को नए नजरिए से देखना होगा और ऐसी तकनीक लानी होगी जो हर पैमाने पर दुनिया में बेस्ट हो।”

क्या होगा खास वंदे भारत 4.0 में?

रेल मंत्रालय वंदे भारत 4.0 को पूरी तरह नए डिजाइन, उच्च सुरक्षा और अधिक आराम के साथ तैयार कर रहा है। बेहतर टॉयलेट सिस्टम, अत्याधुनिक सीटें और अंदरूनी डिजाइन, स्मूद और शोररहित सफर के लिए उन्नत सस्पेंशन सिस्टम, कम ऊर्जा खपत और उच्च दक्षता वाले इंजन। लक्ष्य है कि अगले डेढ़ साल के भीतर यह नया संस्करण पटरियों पर दौड़ने लगे।

आपको जानकर हैरानी होगी कि मौजूदा वंदे भारत 3.0 पहले से ही जापान और यूरोप की कई ट्रेनों से तेज है। यह सिर्फ 52 सेकंड में 0 से 100 किमी/घंटा की रफ्तार पकड़ लेती है।

मिशन स्पीड: बुलेट ट्रेन का सपना भी अब नजदीक

सरकार देश में 350 किमी/घंटा की रफ्तार वाली हाई-स्पीड ट्रेन कॉरिडोर पर भी तेजी से काम कर रही है। लक्ष्य है कि 2047 तक लगभग 7,000 किलोमीटर के हाई-स्पीड रेल रूट तैयार किए जाएं। यह भारत के “विकसित राष्ट्र” के सपने को हकीकत में बदलने की दिशा में बड़ा कदम होगा।

कवच 5.0

तेज रफ्तार के साथ सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे अब अपने स्वदेशी एंटी-कोलिजन सिस्टम ‘कवच’ को अपग्रेड कर रहा है। कवच 5.0 को इस तरह से डिजाइन किया जा रहा है कि यह 350 किमी/घंटा की स्पीड पर भी ट्रेनों को पूरी तरह सुरक्षित रख सके। इससे हादसों की संभावना लगभग खत्म हो जाएगी।


भारत की ‘ग्रीन रेल’

भारतीय रेलवे अब प्रदूषण-मुक्त ट्रेनों की दिशा में भी तेजी से कदम बढ़ा रहा है। भारत ने अपनी पहली स्वदेशी हाइड्रोजन ट्रेन तैयार कर ली है, यह 2400 हॉर्सपावर की ताकतवर और पूरी तरह ‘मेड इन इंडिया’ तकनीक पर आधारित है। यह ट्रेन न सिर्फ ईंधन की बचत करेगी बल्कि कार्बन उत्सर्जन को भी शून्य के करीब ले आएगी।

घटिया क्वालिटी पर सख्ती

रेल मंत्री ने साफ कहा है कि वंदे भारत 4.0 या अन्य प्रोजेक्ट्स में गुणवत्ता से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जाएगा। जो कंपनियां घटिया सामान या तकनीक देंगी, उन्हें ब्लैकलिस्ट किया जाएगा।


‘मेड इन इंडिया’ की नई रफ्तार

वंदे भारत 4.0 केवल एक ट्रेन नहीं, बल्कि भारत के तकनीकी और आत्मनिर्भर भविष्य का प्रतीक है। यह आने वाले समय में भारतीय यात्रियों को तेज, आरामदायक और सुरक्षित सफर का अनुभव देगी और साथ ही भारत को दुनिया के रेल मानचित्र पर नई ऊंचाई पर पहुंचाएगी।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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