---Advertisement---

VIDEO: गद्दा लपेटकर पर्दे के पीछे छिपा बैठा था सपा नेता; फिल्मी अंदाज में यूं दबोचा गया

On: September 4, 2025 8:23 PM
---Advertisement---

कन्नौज: उत्तरप्रदेश के कन्नौज जिले में समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला कोषाध्यक्ष कैस खान को पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया। कैस खान कोतवाली सदर इलाके के बालापीर मोहल्ले का निवासी है। उस पर 28 जुलाई को गुंडा एक्ट के तहत जिला बदर की कार्रवाई हुई थी।

गद्दे के पीछे छिपा था कैस खान

पुलिस के अनुसार बुधवार रात मुखबिर से सूचना मिली कि कैस खान अपने घर के आसपास मौजूद है। पुलिस टीम तुरंत बालापीर मोहल्ला पहुंची और उसके घर की तलाशी ली, लेकिन वह नहीं मिला। इसके बाद पुलिस ने उसके भाई के घर की जांच की। तलाशी के दौरान टांड पर पर्दे और गद्दे के पीछे छिपा हुआ कैस खान दबोच लिया गया। पुलिस ने उसे मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया।


जिला बदर था, दर्ज हैं कई मुकदमे

28 जुलाई को जिला प्रशासन ने गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए कैस खान को छह माह के लिए जिला बदर किया था। जिला मजिस्ट्रेट आशुतोष मोहन अग्निहोत्री ने आदेश जारी कर उसे जिले से बाहर कर दिया था। इसके बाद से वह जिले से गायब था। पुलिस का कहना है कि कैस खान के खिलाफ कई आपराधिक मुकदमे पहले से दर्ज हैं। अब उसके खिलाफ गुंडा एक्ट की धारा 3/10 के तहत नया मामला भी दर्ज किया जा रहा है।

बुलडोजर कार्रवाई भी हो चुकी है

कैस खान के अवैध निर्माण पर भी प्रशासन ने पहले कार्रवाई की थी। 6 जनवरी को उसके मैरिज हॉल पर नगर पालिका की सड़क पर लिंटर डालकर कब्जा करने का आरोप साबित हुआ था। इस पर प्रशासन ने बुलडोजर चलवाकर अवैध हिस्से को ध्वस्त कर दिया था।

अखिलेश यादव से हुई थी मुलाकात

गौरतलब है कि 25 जुलाई को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव कन्नौज दौरे पर आए थे। इस दौरान उन्होंने कई सपा नेताओं से मुलाकात की थी। वे कैस खान के घर भी गए थे और उससे बातचीत की थी। इसके तीन दिन बाद यानी 28 जुलाई को जिला प्रशासन ने कैस खान को जिला बदर कर दिया था।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

Join WhatsApp

Join Now

और पढ़ें

बरेली हिंसा:मौलाना तौकीर रजा हाउस अरेस्ट,50 हिरासत में,सीएम योगी बोले- उपद्रवियों पर कार्रवाई का सही समय, कोई बचना नहीं चाहिए

बहराइच के अवैध मदरसे से हैरान करने वाला मामला, शौचालय से बरामद हुईं 40 नाबालिग बच्चियां

युवक के पेट से निकले 29 चम्मच, 19 टूथब्रश और 2 पेन, ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर भी रह गए दंग

मां दुर्गा पर अभद्र टिप्पणी पर गायिका सरोज सरगम और उनके पति सहित 6 लोग गिरफ्तार, 15 बीघा सरकारी जमीन कराई गई कब्जा मुक्त

कानपुर का “I Love Mohammad” विवाद : पोस्टर से भड़की बड़ी बहस
कानपुर शहर हाल ही में एक पोस्टर विवाद की वजह से सुर्खियों में आ गया। मामला तब शुरू हुआ जब शहर के एक इलाके में बिना अनुमति “I Love Mohammad” लिखे बैनर और पोस्टर लगाए गए। यह पोस्टर कुछ ही समय में चर्चा का विषय बन गए और कई लोगों ने इसे धार्मिक भावनाओं से जोड़कर आपत्ति जताई। विरोध बढ़ने पर पुलिस ने बैनर हटवाया और मामले की जांच शुरू की।
प्रशासन का कहना है कि यह विवाद असल में “बिना अनुमति बैनर लगाने” का है, लेकिन इसे धर्म से जोड़कर फैलाने की कोशिश की जा रही है। पुलिस ने स्पष्ट किया कि किसी भी तरह की अफवाह या नफरत फैलाने वाले काम को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और शांति व्यवस्था बनाए रखना सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
यह विवाद कानपुर तक सीमित नहीं रहा। धीरे-धीरे इसकी आंच उन्नाव, बरेली और यहां तक कि उत्तराखंड तक पहुंच गई। वाराणसी में साधु-संतों ने इसका जवाब “I Love Mahadev” पोस्टर लगाकर दिया। इस तरह मामला एक “पोस्टर वार” में बदल गया, जिससे समाज में तनाव की स्थिति पैदा होने लगी।
मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों ने पुलिस प्रशासन से शांति बनाए रखने और किसी भी तरह की भड़काऊ गतिविधि को रोकने की अपील की। वहीं, कुछ सामाजिक संगठनों ने भी कहा कि धार्मिक आस्था का सम्मान होना चाहिए और ऐसे विवादों को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए।
यह पूरा घटनाक्रम इस बात का संकेत है कि छोटे-छोटे मुद्दे भी अगर सही समय पर नियंत्रित न किए जाएं तो वे बड़े विवाद का रूप ले सकते हैं। समाज को चाहिए कि आपसी भाईचारे और सद्भाव को बनाए रखते हुए ऐसे मामलों से दूरी बनाए।

यूपी एटीएस के हत्थे चढ़ा झारखंड का मोस्ट वांटेड नक्सली नगीना, पलामू में मुठभेड़ के बाद बच निकला था