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सिल्ली: सिल्ली प्रखंड के नागेडीह पंचायत के बूढ़ाबेहरा गांव के लोग काफी समय से विकट जल संकट से जूझ रहे है। इस गांव में सरकारी स्तर पर लगाए गए अधिकतर जलापूर्ति योजनाएं लगभग फेल हो गई है। नतीजा गांव के कई टोलों के लोगों को पीने के लिए दाडी एवं नहाने के लिए कुर्मी टोला एवं माझ टोला के समीप स्थित बदबूदार चेकडेम पर निर्भर रहना पड़ रहा है। गांव में बेल टोला एवं माझ टोला दो ऐसे टोले है जहां पीने का कोई भी सरकारी जलस्रोत नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि इन टोलों के लोग चुआ और दाड़ी से पानी लाकर पीने को विवश है। माझ टोला के लोगों ने बताया कि टोला के 37 घरों के लोगों को करीब एक किमी दूर बेहरा दाढ़ी से पानी लाना पड़ता है. माझ टोला में तीन चापाकल है

लेकिन सभी खराब है। इसी टोला में लघु ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत एक डीप बोरिंग का जलमीनार भी है जो 12 सालों से खराब है। गांव में नल जल योजना के तहत घरों में नल लगाए गए है लेकिन अभी तक पानी नहीं आया है।
कुर्मी टोला के बलराम करमाली ने बताया कि कुर्मी टोला में भी तीन चापाकल है इनमें से एक ही ठीक है। सभी को पानी नहीं मिल पाता इसलिए टोला के लोग आधे किमी दूर किया बुदादाढ़ी से पीने का पानी लाते है। गांव के सिमरिया टोला के सभी चापाकल खराब है।

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