नई दिल्ली: भारतीय महिला कुश्ती की दिग्गज पहलवान विनेश फोगाट ने शुक्रवार, 12 दिसंबर को अपने संन्यास से वापसी की औपचारिक घोषणा कर दी। पेरिस ओलंपिक 2024 के विवाद के बाद खेल से दूरी बना चुकीं 31 वर्षीय विनेश अब एक बार फिर अपने अधूरे ओलंपिक सपने को पूरा करने के लिए तैयार हैं।
पेरिस ओलंपिक का दर्द
पेरिस ओलंपिक में विनेश फाइनल में पहुंच गई थीं, लेकिन स्वर्ण पदक मुकाबले से ठीक पहले उनके वजन में निर्धारित सीमा से 100 ग्राम अधिक पाया गया। नियमों के अनुसार उन्हें तुरंत अयोग्य घोषित कर दिया गया, और उनका ओलंपिक पदक जीतने का सपना वहीं अधूरा रह गया। इस घटना के बाद उन्होंने कुश्ती से दूरी बना ली थी।
लंबे ब्रेक के बाद लिया बड़ा फैसला
एक्स (पूर्व ट्विटर) पर भावुक पोस्ट साझा करते हुए विनेश ने लिखा कि पेरिस के बाद उनसे बार-बार पूछा गया कि क्या यह उनका आखिरी टूर्नामेंट था। विनेश ने स्वीकार किया कि वह मानसिक रूप से बेहद थक चुकी थीं और उन्हें खेल, दबाव, उम्मीदों और यहां तक कि अपने सपनों से भी दूरी चाहिए थी।
उन्होंने लिखा, ‘सालों में पहली बार, मैंने खुद को सांस लेने दिया। अपने सफर के बोझ को महसूस किया उतार-चढ़ाव, दिल टूटना, त्याग… वो रूप जिन्हें दुनिया ने कभी नहीं देखा। और इसी खामोशी में मुझे एहसास हुआ कि मुझे यह खेल अब भी उतना ही प्रिय है। मैं अब भी लड़ना चाहती हूं। आग कभी खत्म नहीं होती। यह सिर्फ थकान और शोर के नीचे दब गई थी।”
उन्होंने बताया कि डिसिप्लिन, रूटीन और लड़ाई उनके सिस्टम का हिस्सा हैं, और वे चाहकर भी मैट से दूर नहीं रह पाईं। इसी दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ उन्होंने LA28 ओलंपिक में उतरने का ऐलान किया है।
बेटा बनेगा सबसे बड़ा चीयरलीडर
विनेश ने यह भी बताया कि इस बार उनकी यात्रा पहले से कहीं ज्यादा खास होने वाली है, क्योंकि उनका छोटा बेटा भी उनके साथ इस सफर में शामिल होगा। उन्होंने लिखा, ‘इस बार मैं अकेली नहीं हूं। मेरा बेटा मेरी टीम है… मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा। LA ओलंपिक की इस राह में वह मेरा छोटा चीयरलीडर होगा।’
संन्यास से वापसी का फैसला न सिर्फ भारतीय कुश्ती जगत के लिए बड़ा संदेश है, बल्कि ओलंपिक पदक की तलाश में जुटे भारतीय खेल समुदाय के लिए भी नई उम्मीद लेकर आया है।
विनेश फोगाट ने संन्यास से वापसी का किया ऐलान, लॉस एंजिलिस ओलंपिक पर फोकस









