वोटिंग पहले जुगसलाई वि०स० क्षेत्र वासी इन समस्याओं का स्मरण करें, फिर मतदान करें,वरना 5 साल पछताएंगे
रिपोर्ट: सतीश सिन्हा
जमशेदपुर: मतदान के पहले जुगसलाई विधानसभा क्षेत्र के निवासी अपनी मूलभूत समस्याओं पर एक बार स्मरण डाल ले जाति पाति और द्वेष भाव भूल कर मतदान करें। वरना फिर 5 साल तक पछताने के लिए तैयार रहें। वैसे प्रत्याशी को जीताने की कोशिश करें जो आपकी समस्याएं सुनने और समस्याओं को हल करने की दिशा में पहल करने का समुचित आश्वासन दें और उसे पूरा करने को दृढ़ निश्चयी हो।
13 तारीख बुधवार को मतदान की तारीख है और प्रत्याशियों का भाग्य मतपेटियों में बंद होने वाला है साथ ही आपके 5 साल भी जीते हुए प्रत्याशियों और सरकार के साथ गुजारना मजबूरी होगी। अतः सोच समझकर लालच जाति पाति धर्म छोड़कर मतदान करें।
जुगसलाई विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्र की मूलभूत समस्या सड़क है जो कि वर्षों से जर्जर है और सड़कों पर गाड़ियां हिचकोले खाते हुए चलती है अक्सर दुर्घटनाओं की संभावना रहती है और दुर्घटना भी होती रहती है वैसे में सड़क भी एक बहुत बड़ा मुद्दा है। जनप्रतिनिधि इन सड़कों से आते जाते हैं लेकिन स्थिति ज्यों की त्यों है।
दूसरी ओर जगह-जगह कूड़े का अंबार लगा हुआ है।कचरा निष्पादन की व्यवस्था नहीं है। मच्छर मक्खियों का प्रकोप रहता है बीमारियां फैल रही है। नाले नालियां गंदगी से भरी हुई है। परसुडीह मखदुमपुर रेलवे क्रॉसिंग पर तो थोड़ी सी बरसात होने के बाद दयनीय स्थिति हो जाती है एक ओर तो सड़क जर्जर ऊपर से नाली का पानी सड़कों पर नालें की तरह बहने लगता है। लगता है की बाढ़ आ गई। लोगों को पैदल चलना तो दुश्वार हो जाता है गंदे पानी में महिलाओं बच्चों लोगों को स्कूल ड्यूटी मंदिर मस्जिद सभी जगह आना-जाना मजबूरी हो जाती है।गाड़ी वालों के लिए भी काफी संकट हो जाती है।सोपोडेरा सारजमदा इलाके में भी सड़कों में गड्ढे है या गड्ढे में सड़क पता ही नहीं चलता है बरसात होने पर सड़कों पर तालाब बन जाता है जिसमें बतख और हंस तैरते रहते हैं। दुर्घटनाओं की संभावना रहती है कई बार दुर्घटनाएं हो भी चुकी है।
वहीं रेलवे क्रॉसिंग के पास सड़क कम चौड़ी रहने के कारण अक्सर ट्रेनों के आने-जाने के समय जाम आम बात हो गई है। लोगों के स्कूल कॉलेज ड्यूटी अस्पताल सब देर हो जाते हैं। जाम में फंसा रहना लोगों की मजबूरी हो गई है पहले तो एक जोड़ी ट्रेन चलती थी इस मार्ग पर अब तो कई जोड़ी ट्रेन चलने लगी है। जिसके कारण समस्या विकराल हो गई है।
इसके अलावा इस बात पर भी ध्यान देना जरूरी है कि क्षेत्र में जो नल से जलापूर्ति हो रही है उसका कोई टाइम टेबल नहीं है कभी 9:00 बजे कभी 10:00 बजे कभी दोपहर 3:00 बजे कभी रात में 10:30 बजे जब सब सो जाते हैं तब नल चलता है और जब लोगों का पानी का काम खत्म हो जाता है तब नल चलाने का क्या मतलब। इसके अलावा जगह जगह लीकेज के कारण चौतरफा बर्बादी हो रही है एक ओर पानी की दूसरी ओर सड़के भी खराब हो रही है तीसरी ओर टंकी में पानी चढ़ाने के कारण बिजली की भी ज्यादा खपत हो रही है सबसे मुश्किल या है कि लीकेज के कारण कई क्षेत्रों में प्रेशर कम रहता है कई क्षेत्रों में तो पानी पहुंचता ही नहीं है और तो और कई जगहों तक अब तक पानी की पाइप पर भी नहीं बिछी है और कई जगह बिछी है तो वहां पानी की सप्लाई नहीं हो रही है। जनता शिकायत करते-करते थक चुकी है लेकिन विभाग के कान पर जूं नहीं रेंग रहा है और एक बात गौरतलब हो कि इन क्षेत्रों में पानी की पाइपलाइन और गैस की पाइप लाइन बिछाने के लिए सड़कों को खोदा गया लेकिन कई जगह पर इसकी मरम्मति नहीं कराई गई है। पेय जलापूर्ति आपूर्ति योजना में बड़े घोटाले की बू आ रही है क्योंकि प्रावधानों के मुताबिक पाइप नहीं बिछाया गया है पाइप बिछाने के पहले बालू डाला जाना चाहिए था लेकिन बालू नहीं डाला गया है। जिससे जगह-जगह सड़क के नीचे से झरने की तरह पानी निकलता है।
इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली खंबों पर पंचायत के द्वारा लगाए गए कई लाइटें खराब है पिछले कई महीनो से कई जगहों पर अंधेरा छाया रहता है इनकी कोई सुध लेने वाला नहीं है और कई जगहों पर तो दिन रात लाइट जलता रहता है जिसे बुझाने वाला कोई नहीं है। जिससे बिजली की बर्बादी होती है। और गर्मियों में तो ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली व्यवस्था एकदम से ध्वस्त हो जाती है रात 11:00 बजे भी 12:00 बजे भी पावर कट हो जाती है दिन भर भी या सिलसिला चलते रहता है। कब पावर आएगा जाएगा इसकी कोई समय सीमा नहीं रहती है। कभी-कभी तो ठंडा के दिनों में भी बिजली व्यवस्था ध्वस्त रहती है। पावर के बार-बार कटने के कारण छोटी-मोटी कल कारखाने बुरी स्थिति में आ गई है।
- Advertisement -