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खूंटी: शिक्षक पात्रता परीक्षा में मुंडारी भाषा की उपेक्षा का विरोध, आंदोलन की चेतावनी 

On: June 10, 2025 10:24 AM
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खूंटी: झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा में अलग-अलग जिलों के लिए अलग-अलग स्थानीय भाषा को रखा गया है. इसे लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. पलामू के बाद अब खूंटी जिले में भी इसका विरोध शुरू हो गया है. पलामू में जहां नागपुरी और कुडुख भाषा को शामिल किया गया है. वहां के लोग भोजपुरी और मगही की मांग कर रहे हैं. वहीं खूंटी में मुंडारी भाषा को स्थानीय भाषा के तौर पर शामिल नहीं किया गया है. इसके खिलाफ लोगों ने विरोध छेड़ दिया है.

दिवासी मुंडारी भाषा संस्कृति बचाओ संघर्ष समिति ने कहा कि मुंडारी भाषा ने भगवान बिरसा मुंडा, जयपाल सिंह मुंडा और डॉ रामदयाल मुंडा जैसे महान व्यक्तित्वों को जन्म दिया है. झारखंड राज्य की स्थापना में मुंडाओं की भूमिका ऐतिहासिक रही है. इसके बावजूद नई नियमावली में मुंडारी भाषा को खूंटी जिले से हटाना एक साजिश प्रतीत होती है. समिति ने चेतावनी दी है कि मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन तेज किया जाएगा.

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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