कोलकाता: पश्चिम बंगाल में आगामी 2026 विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग द्वारा कराए जा रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के पहले चरण में बड़ा बदलाव सामने आया है। आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, राज्यभर में 58 लाख से ज्यादा मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाए गए हैं। सबसे अधिक असर कोलकाता और साउथ 24 परगना जिलों में देखने को मिला है।
राज्य के 294 विधानसभा क्षेत्रों में सबसे ज्यादा नाम नॉर्थ कोलकाता की चौरंगी विधानसभा सीट से कटे हैं। यहां कुल 74,553 मतदाताओं के नाम हटाए गए। इस सीट का प्रतिनिधित्व तृणमूल कांग्रेस की विधायक नयना बंद्योपाध्याय करती हैं। इसके अलावा कोलकाता पोर्ट विधानसभा क्षेत्र से 63,730 नाम हटाए गए, जहां से वरिष्ठ मंत्री फिरहाद हकीम विधायक हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की भवानीपुर विधानसभा सीट पर भी बड़ी संख्या में वोटर लिस्ट में संशोधन हुआ है। जनवरी 2025 की सूची में यहां 1,61,509 मतदाता दर्ज थे, जिनमें से 44,787 नाम SIR के पहले चरण में हटाए गए। यह आंकड़ा नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी की नंदीग्राम सीट से चार गुना अधिक है।
पूर्व मेदिनीपुर जिले की नंदीग्राम विधानसभा सीट पर कुल 2,78,212 मतदाता थे, जहां से 10,599 नाम हटाए गए। वहीं जिलावार आंकड़ों में साउथ 24 परगना शीर्ष पर रहा, जहां कुल 8,16,047 मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए। यह जिला तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी का राजनीतिक गढ़ माना जाता है। अभिषेक बनर्जी ने डायमंड हार्बर लोकसभा सीट से पिछले चुनाव में सात लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी।
अन्य विधानसभा क्षेत्रों की बात करें तो मंत्री अरूप बिस्वास के टॉलीगंज क्षेत्र से 35,309 नाम हटाए गए। भाजपा के कई प्रमुख विधायकों के इलाकों में भी बड़ी संख्या में नाम कटे हैं। आसनसोल साउथ, जहां से अग्निमित्रा पॉल विधायक हैं, वहां 39,202 नाम हटाए गए। वहीं सिलीगुड़ी विधानसभा क्षेत्र, जिसका प्रतिनिधित्व शंकर घोष करते हैं, वहां से 31,181 नाम सूची से बाहर किए गए।
इसके उलट सबसे कम असर बांकुरा जिले के कोतुलपुर विधानसभा क्षेत्र में देखने को मिला, जहां केवल 5,678 नाम हटाए गए।
चुनाव आयोग के अधिकारियों के अनुसार, SIR के दौरान जिन नामों को हटाया गया है, उसके मुख्य कारण मतदाता की मृत्यु, स्थायी रूप से दूसरी जगह शिफ्ट होना और डुप्लीकेट एंट्री पाए जाना है। आयोग का कहना है कि यह प्रक्रिया मतदाता सूची को शुद्ध और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से की जा रही है।
इधर, चुनाव आयोग ने गुरुवार को 5 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में SIR की समयसीमा बढ़ाने का भी फैसला किया है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और अंडमान-निकोबार में अब 18 दिसंबर तक फॉर्म भरे जा सकेंगे। उत्तर प्रदेश में यह तारीख 26 दिसंबर कर दी गई है, जबकि गुजरात और तमिलनाडु में 14 दिसंबर तक फॉर्म जमा किए जा सकते हैं। पहले यह अंतिम तिथि 11 दिसंबर निर्धारित थी।
आयोग ने स्पष्ट किया कि गोवा, पुडुचेरी, लक्षद्वीप, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में SIR की समयसीमा गुरुवार को ही समाप्त हो चुकी है। इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए ड्राफ्ट मतदाता सूची 16 दिसंबर को प्रकाशित की जाएगी। वहीं केरल में पहले ही अंतिम तारीख 18 दिसंबर कर दी गई थी और वहां ड्राफ्ट वोटर लिस्ट 23 दिसंबर को जारी होगी।
चुनाव आयोग का कहना है कि ड्राफ्ट सूची जारी होने के बाद दावे और आपत्तियों का मौका दिया जाएगा, ताकि अंतिम मतदाता सूची पूरी तरह सटीक और निष्पक्ष बनाई जा सके।
पश्चिम बंगाल SIR: वोटर लिस्ट से 58 लाख से अधिक नाम कटे, ममता बनर्जी की भवानीपुर सीट से 44 हजार नाम हटाए गए














