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पश्चिम बंगाल: संदेशखाली में कथित रूप से तृणमूल कांग्रेस के फरार नेता शाहजहां शेख और उसके समर्थकों पर महिलाओं के द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप के मामले में तूल पकड़ लिया है। इसे लेकर देश की सियासत गर्म हो गई है मामला राजभवन से लेकर लोकसभा तक पहुंच गई है। इसी बीच खबर आ रही है कि भारतीय जनता पार्टी की फैक्ट फाइंडिंग केंद्रीय टीम संदेशखाली पीड़ित महिलाओं से मिलने जा रही थी जिन्हें रोक दिया गया है। इसके बाद खबर यह भी है कि कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी भी संदेश खाली पीड़ित महिलाओं से मिलने के लिए जाने के लिए निकले तो उन्हें भी पुलिस ने रोक लिया है।

दूसरी ओर खबर है कि पश्चिम बंगाल के नेता शुभेन्दू अधिकारी को भी संदेश खाली जाने से रोक दिया गया था उसके बाद उन्होंने कोलकाता में ही धरना दे दिया था। इसके खिलाफ शुभेंदु अधिकारी हाई कोर्ट पहुंच गए हैं।

इस मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपते हुए प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। साथी उचित कार्रवाई की मांग भी की है।

दूसरी ओर संदेश खाली मामले को लेकर लोकसभा प्रिविलेज कमेटी ने मामले को संज्ञान में लिया है और प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी को दिल्ली तलब किया है।

खबरों के मुताबिक महिलाओं के विरोध प्रदर्शन के बीच रामपुर में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल की सुरक्षा बलों से झड़प हुई। कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रमुख अधीर रंजन चौधरी को पुलिस ने संदेशखाली जाने से रोका गया जिसके बाद वह रामपुर में धरने पर बैठ गए। कांग्रेस ने सवाल उठाया विपक्षी दलों के सदस्यों को संदेशखाली जाने से क्यों रोका जा रहा है। कांग्रेस ने कहा कि बंगाल सरकार अशांत संदेशखाली में क्या छिपाने की कोशिश कर रही है।कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रही हैं। चौधरी के नेतृत्व में उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखालि जा रही कांग्रेस की रैली को पुलिस ने शुरु में सरबेरिया में रोका और दोबारा उसे रामपुर में रोका। चौधरी ने सवाल किया कि क्यों विपक्षी पार्टियों को संदेशखालि में दाखिल होने से रोका जा रहा है? राज्य सरकार क्या छिपाने की कोशिश कर रही है? क्यों वे मामले का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहे हैं?

जानें संदेशखाली में आज दिनभर हुई हलचल की बड़ी बातें।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ सी.वी. आनंद बोस से मिलने के लिए भाजपा प्रतिनिधिमंडल कोलकाता के राजभवन पहुंचा।

भाजपा सांसदों के एक केंद्रीय दल को शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के संदेशखाली का दौरा करने से रोक दिया गया। केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक ने कहा कि पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 144 के तहत लागू की गई निषेधाज्ञा का हवाला देते हुए भाजपा सांसदों के केंद्रीय दल को संदेशखाली जाने की अनुमति नहीं दी।

वहीं दूसरी ओर खबरों के मुताबिक संदेश खाली में पीड़ित महिलाओं को केस वापस लेने समझौता करने की धमकी दी जा रही है। उनके साथ मारपीट भी करने की खबर है उन्हें डराया धमकाया जा रहा है। पुलिस पर आरोपियों से मिली भगत होने की भी खबर आ रही है। जिसके कारण आरोप लगाया जा रहा है कि संदेश खाली जाने से सभी को रोका जा रहा है।

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