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गढ़वा: नहर के किनारे कैंप में मिला प्रतिबंधित मांस,गार्ड ने विरोध किया तो मजदूरों ने की पिटाई,पुलिस मौके पर

On: March 1, 2025 8:58 AM
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एसडीपीओ नीरज कुमार दल बल के साथ मौके पर पहुंचे, नौ मजदूर गिरफ्तार

गढ़वा: गढ़वा थाना अंतर्गत हूर मध्या गांव से एक सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ते बिगड़ते बचा। जहां एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में प्रतिबंधित मांस मिलने की खबरहै। जिसका विरोध कैंप के गार्ड ने किया तो उसकी बंगाल के मजदूरों ने पिटाई शुरू कर दी। उसके बाद स्थानीय लोगों की वहां भारी भीड़ जमा हो गई। स्थिति तनाव पूर्ण हो गई।


में स्थित एक निर्माण कंपनी के कैंप में प्रतिबंधित मांस मिलने से हड़कंप मच गया। जब कैंप के गार्ड ने इसका विरोध किया, तो वहां मौजूद बंगाल के मजदूरों ने उसके साथ मारपीट शुरू कर दी। घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और स्थिति बिगड़ने लगी। मामले के संदर्भ में पुलिस को सूचित किया गया। मौके पर पुलिस पहुंच गई है।


बताया जाता है कि गढ़वा थाना क्षेत्र में नहर के समीप हूर मध्या गांव स्थित शिवालया कंस्ट्रक्शन कंपनी फोरलेन सड़क का निर्माण कंपनी में शनिवार की सुबह, जब एक व्यक्ति मोटरसाइकिल से कैंप में आया और प्लास्टिक के झोले में कुछ सामान लेकर पहुंचा, तो गार्ड गोविंद चौधरी ने उससे पूछताछ की। पहले तो लोगों ने इसे चिकन बताया, लेकिन जब गार्ड ने झोला खोलकर देखा, तो उसमें प्रतिबंधित गो-अंश मिला। इस पर गार्ड ने विरोध जताया, तो कैंप में मौजूद मजदूरों ने उसके साथ मारपीट शुरू कर दी।


घटना की भनक लगते ही गांव के लोग इकट्ठा हो गए और मामले की सूचना पुलिस को दी। योगी सेना के विपुल धर दुबे भी मौके पर पहुंचे और तत्काल कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि जो लोग इस तरह के कार्यों में संलिप्त हैं, उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, नहीं तो आंदोलन किया जाएगा।


सूचना मिलते ही एसडीपीओ नीरज कुमार दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे और घटना की जांच की। पुलिस ने कैंप में मौजूद 9 मजदूरों को गिरफ्तार कर थाना ले आई। ये सभी पश्चिम बंगाल के दिनाजपुर निवासी बताए जा रहे हैं।

एसडीपीओ नीरज कुमार ने बताया कि प्रतिबंधित मांस की बरामदगी हुई है, जिसे जब्त कर पशु चिकित्सक से जांच कराई जा रही है। पुलिस फिलहाल मामले की विस्तृत जांच कर रही है और जल्द ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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