शुभम जायसवाल
श्री बंशीधर नगर (गढ़वा) :– श्री बंशीधर नगर में अंधविश्वास इस तरह हावी है कि डायन बिसाही और ओझागुनी के नाम पर महिलाओं की प्रताड़ना और हत्याओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। आए दिन ऐसी घटनाएं खबरों की सुर्खियां बनती रही हैं। अंधविश्वास की जड़ें इतनी मजबूत हैं कि डायन-बिसाही व ओझागुनी के नाम पर प्रताड़ना व हत्याएं आम बात हो गई है। ऐसा नहीं है कि इस अंधविश्वास में हुए अपराध पर कार्रवाई नहीं होती। आए दिन इन मामलों के आरोपी को जेल जाना पड़ रहा है, सजा भी होती है बावजूद इसके यह अंधविश्वास थम नहीं रहा है। ताजा मामला थाना क्षेत्र के जंगीपुर उरांव टोला में डायन बिसाही को लेकर एक बार फिर अंधविश्वास का मामला प्रकाश में आया है। उरांव टोला निवासी विजय उरांव गत गुरुवार को बभनी खाड़ डैम के निकट स्थित श्मशानघाट पर हाल ही में एक शव जलाए गए स्थान से मिट्टी लाकर टोले के ही राजू उरांव को दिया था। इस मामले में स्व योगेंद्र उरांव के स्वजन उसके साथ मारपीट कर करीब चार घंटे तक अपने घर में बंधक बनाए रखे। शाम सात बजे के बाद पुलिस के हस्तक्षेप के बाद विजय को मुक्त किया। अन्यथा कोई अनहोनी हो सकती थी। इस मामले में स्व योगेंद्र उरांव की पत्नी कमला देवी व भतीजा अमरेश उरांव ने बताया कि योगेंद्र की मौत पिछले 29 मार्च को हो गई। योगेंद्र का अंतिम संस्कार बभनी खाड़ डैम के निकट श्मशान में किया गया।
सातवें दिन गोतिया विजय उरांव के द्वारा शव जलाए गए स्थान से मिट्टी और राख लाकर विजय उरांव को दिया गया। अमरेश ने बताया कि उस स्थल से मिट्टी और राख क्यों लाया, इस संबंध में पूछताछ के लिए विजय उरांव को दरवाजे पर बैठाए थे, विजय के साथ मारपीट नहीं किया गया है। पुलिस आने के बाद उसे छोड़ दिया। विजय उरांव ने बताया कि राजू उरांव की विवाहिता पुत्री 25 वर्षीया सीमा देवी की तबीयत खराब थी।

राजू ने शमशान का मिट्टी मुझे लाने के लिए कहा था, इसलिए मैं मिट्टी लाकर उसे दिया था। इस मामले में अमरेश उरांव आदि ने मेरे साथ मारपीट कर अपने घर में बंधक बना लिया था। इस मामले में अमरेश उरांव आदि ने मेरे साथ मारपीट कर अपने घर में बंधक बना लिया था। पुलिस हस्तक्षेप के बाद मुझे छोड़ा। विजय के भाई संजय उरांव ने बताया कि जानकारी मिलने पर जब मैं पता करने के लिए स्व योगेंद्र गांव के घर गया तो मेरे साथ भी मारपीट किया तथा हत्या की नियत से गला दबा रहा था। गले पर नाखून का निशान भी पड़ा हुआ है। सीमा का निधन भी इलाज के दौरान गुरुवार की रात सदर अस्पताल गढ़वा में हो गई। विजय ने बताया कि सीमा के शरीर में शमशान का मिट्टी लगाने के लिए विजय ने मुझसे मंगाया था। इस तरह उरांव टोला में अंधविश्वास आज भी कायम है। लोग इलाज से अधिक झाड़-फूंक व ओझा गुनी के बातों पर विश्वास करते हैं।

2 वर्ष पूर्व इसी टोले में अंधविश्वास में एक व्यक्ति की हुई थी हत्या
:- टोले में जून 22 में ओझा गुनी की चक्कर में गुड़िया देवी नामक महिला की हो चुकी है हत्या:- बताते चलें की 21 जून 22 को उरांव टोला निवासी मुन्ना उरांव की 26 वर्षीया पत्नी गुड़िया देवी की बड़ी ही नृशंस तरीके से हत्या डायन बिसाही के आरोप में उसकी सगी बहन ललिता देवी व बहनोई दिनेश उरांव के द्वारा कर दी गई। हत्या के बाद पुलिस प्रशासन की ओर से टोल पर जागरूकता अभियान चलाया गया था, पर उसका कोई असर टोले के लोगों पर नहीं है।
