चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिले के मनोहरपुर प्रखंड स्थित सारंडा जंगल में नक्सलियों द्वारा बिछाए गए आईईडी विस्फोट की चपेट में आने से एक जंगली हाथी गंभीर रूप से घायल हो गया। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि हाथी के आगे के दाहिने पैर की उंगलियां पूरी तरह उड़ गईं और घाव से मांस के लोथड़े बाहर लटकने लगे।
घटना के बाद वन विभाग और पुलिस प्रशासन में सतर्कता बढ़ा दी गई है। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम और पशु चिकित्सक मौके पर रवाना हुए, लेकिन घने जंगल और खराब रास्तों के कारण घायल हाथी तक पहुंचने में लगभग चार घंटे का समय लग गया। मौके पर ही डॉक्टरों ने उसका प्राथमिक उपचार शुरू किया और केले में औषधि मिलाकर उसे खिलाया, जिसे हाथी ने आसानी से ग्रहण कर लिया।
वन विभाग के अनुसार घायल हाथी लगभग 10 से 12 वर्ष की एक मादा है, जो गंभीर चोट के चलते चलने-फिरने में असमर्थ हो गई है। उसे लगातार एंटीबायोटिक, दर्द निवारक और सूजन कम करने वाली दवाएं दी जा रही हैं। वन कर्मचारियों की टीम उसकी स्थिति पर हर पल नजर रख रही है और जल्द से जल्द उसे स्वस्थ बनाने की कोशिश की जा रही है।
स्थानीय प्रशासन का कहना है कि सारंडा जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में नक्सलियों द्वारा आईईडी बिछाना न केवल सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि वन्यजीवों के जीवन के लिए भी गंभीर चुनौती बनता जा रहा है। इस घटना ने वन्यजीव संरक्षण और सुरक्षा को लेकर नक्सली हिंसा के नए पहलुओं पर चिंता बढ़ा दी है।













