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नई दिल्ली: केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस और उनके वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ संबंधी आरोपों को पूरी तरह ‘तथ्यों से गलत’ बताया।चुनाव आयोग ने एक ‘फैक्ट चेक’ जारी करते हुए कहा कि बिहार में विशेष गहन संशोधन की प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ हुई है। आयोग ने अपने दावे के समर्थन में कई दस्तावेज साझा किए, जिनमें राजनीतिक दलों- जैसे आरजेडी, कांग्रेस और सीपीआई- के प्रतिनिधियों के वीडियो बयान भी शामिल हैं। निर्वाचन आयोग ने बताया कि उसने मसौदा मतदाता सूची जारी होने से पहले, जारी होने के दिन और उसके बाद भी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से बैठकें कीं। आयोग का कहना है कि वह मैदानी स्तर पर एसआईआर प्रक्रिया में ‘उच्चतम स्तर की पारदर्शिता’ बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

बता दें कि राहुल गांधी और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ब्लॉक की तरफ से बिहार में मतदाता सूची संशोधन को लेकर की गई विरोध मार्च के दौरान आरोप लगाए गए थे।

चुनाव आयोग ने एक ‘फैक्ट चेक’ जारी करते हुए कहा कि बिहार में विशेष गहन संशोधन की प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ हुई है। आयोग ने अपने दावे के समर्थन में कई दस्तावेज साझा किए, जिनमें राजनीतिक दलों- जैसे आरजेडी, कांग्रेस और सीपीआई- के प्रतिनिधियों के वीडियो बयान भी शामिल हैं। निर्वाचन आयोग ने बताया कि उसने मसौदा मतदाता सूची जारी होने से पहले, जारी होने के दिन और उसके बाद भी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से बैठकें कीं। आयोग का कहना है कि वह मैदानी स्तर पर एसआईआर प्रक्रिया में ‘उच्चतम स्तर की पारदर्शिता’ बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

चुनाव आयोग ने कहा, ‘शुद्ध मतदाता सूची लोकतंत्र को मजबूत करती है।’ इसके साथ ही आयोग ने मसौदा मतदाता सूची जारी होने के बाद से अब तक जारी अपनी डेली बुलेटिन का लिंक भी साझा किया। बिहार में मतदाता सूची संशोधन के विरोध में विपक्षी सांसदों ने संसद भवन से चुनाव आयोग कार्यालय तक विरोध मार्च निकाला। इस दौरान प्रदर्शनकारी विपक्षी सांसदों को रोकने के लिए परिवहन भवन में पुलिस बैरिकेड्स लगा दिए। यहां उन्हें चुनाव आयोग मुख्यालय की ओर आगे बढ़ने से रोक दिया गया। पुलिस का कहना था कि विपक्षी सांसदों की ओर से इस मार्च के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी। विपक्षी सांसदों ने कहा कि देश साफ-सुथरी वोटर लिस्ट चाहता है. राहुल गांधी ने कहा सच्चाई देश के सामने है. यह लड़ाई राजनीतिक नहीं है, यह संविधान को बचाने की लड़ाई है, ‘एक व्यक्ति एक वोट’ की लड़ाई है. हम एक साफ-सुथरी और सही मतदाता सूची चाहते हैं. वहीं, खरगे ने कहा कि बीजेपी की तानाशाही नहीं चलेगी. ये जनता के वोट के अधिकार को बचाने की लड़ाई है.

इंडिया गठबंधन के साथी भाजपाई साजिश को बेनकाब करके ही रहेंगे. दरअसल, राहुल गांधी ने हाल ही में वोट चोरी का आरोप लगाया था और दावा किया था कि बेंगलुरु के महादेवपुरा विधानसभा सीट पर 1 लाख से ज्यादा वोटों की चोरी हुई. एक महिला ने दो बार वोट दिया. राहुल ने कहा कि वोट चोरी का मॉडल भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए लागू किया गया है. उन्होंने कहा कि संविधान के हिसाब से एक व्यक्ति को एक वोट का अधिकार है. राहुल ने कहा कि हमने साफ दिखाया है कि अब ‘एक व्यक्ति-एक वोट’ का सिद्धांत नहीं है. देश के युवाओं को यह सच्चाई पता चल गई है. अब चुनाव आयोग का छिपना मुश्किल है.

यह सब सिर्फ मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए है. ऐसा सिर्फ बेंगलुरु में ही नहीं हुआ, बल्कि कई निर्वाचन क्षेत्रों में भी हुआ है. चुनाव आयोग जानता है, जो डेटा वह छिपाने की कोशिश कर रहा है, वह सामने आकर रहेगा. वहीं, SIR और ‘वोट चोरी’ के खिलाफ बढ़ते विरोध के बीच खरगे ने रात में विपक्षी सांसदों को दावत दिया. होटल ताज पैलेस में आयोजित इस डिनर पार्टी में शरद पवार, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाद्रा, अखिलेश यादव, डिंपल यादव, जया बच्चन, के. कनिमोझी, टीआर बालू, मीसा भारती, संजय राउत, प्रियंका चतुर्वेदी सहित कई विपक्षी सांसद शामिल हुए. इसके अलावा आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और संदीप पाठक भी इस दावत में शामिल हुए. इससे कुछ दिन पहले राहुल गांधी ने विपक्ष सांसदों को दावत दिया था. इसी पार्टी में SIR और बीजेपी के वोट चोरी मॉडल के खिलाफ लड़ने का संकल्प लिया गया था.