महुआडांड़ संवादाता रामप्रवेश गुप्ता
आज संत जेवियर्स महाविद्यालय महुआडांड़ में महाविद्यालय के एंटी सेक्सुअल हैरेसमेंट सेल के द्वारा यौन उत्पीड़न एवम महिला सुरक्षा जागरुकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों के बीच में महिला सुरक्षा, गरिमा और सम्मान को स्थापित करना था। वर्तमान में भारत में कार्यस्थलों पर पच्चीस प्रतिशत यौन उत्पीड़न के मामले देखने को मिल रहे हैं लेकिन कानून की जागरुकता की कमी और सामाजिक बंधनों के कारण महिलाएं शिकायत दर्ज नहीं कराती हैं।
कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रुप में हजारीबाग जिला कोर्ट के अधिवक्ता शैजू थॉमस उपस्थित थे। महाविद्यालय के प्राचार्य फादर डॉ एम के जोस ने पुष्प गुच्छ और पारंपरिक अंग वस्त्र प्रदान कर उनका अभिनंदन किया। अधिवक्ता शैजू थॉमस ने महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न निवारण अधिनियम -2013, लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम -2012(POCSO), किशोर न्याय अधिनियम -2000 के विषय में विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की साथ ही विद्यार्थियों को शारीरिक और मानसिक दंड देने की भी मनाही की। प्राचार्य महोदय ने कहा की आधी आबादी की सुरक्षा और विकास से ही उन्नत समाज का निमार्ण किया जा सकता है।
इस अवसर पर इंटरनल ग्रीवांस सेल का भी गठन किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन प्रो. स्मिता तिग्गा और सुरभी सिन्हा ने तथा धन्यवाद ज्ञापन खुर्शीद आलम ने किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से सिस्टर कैसलिन जुलियट, डॉ. समीर टोप्पो, सिस्टर लीजा, डॉ. प्यारी कुजूर, रोज एलिस, जफर इकबाल आदि उपस्थित थे।