चांडिल डैम का जल स्तर खतरे के करीब,नौ गेट खोले गए, और खुले तो जमशेदपुर पर दोहरा खतरा!
जमशेदपुर : पिछले तीन दिनों से नॉनस्टॉप बारिश से एक ओर खरकाई का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है जबकि स्वर्णरेखा का जलस्तर खतरे के करीब आज था। इसी बीच खबर आ रही है कि बागबेड़ा के निचले इलाकों में पानी घुस गया है और बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। जबकि दूसरी ओर चांडिल डैम के भी जल स्तर में तेजी से इजाफा हो रहा है। वह भी खतरे के निशान के करीब है। इसके बाद प्रशासन ने डैम के 13 में से 9 फाटक खोल दिए। जिसकी वजह से तकरीबन एक दर्जन विस्थापित गांवों में पानी घुस गया है। जबकि जमशेदपुर पर दोहरा खतरा मंडराने लगा है। यदि और फाटक खोले जाए तो मानगो और दुमुहानी में भी बाढ़ आने की संभावना है।
प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक यदि चांडिल डैम का जलस्तर 184 मीटर हो गया तो 116 गांवों पर खतरा मंडराने लगेगा।
बताया जा रहा है कि पिछले तीन दिनों से नॉनस्टॉप बारिश के चलते खरकई और स्वर्णरेखा नदी कई जगह खतरे के निशान पार कर गई है।
स्वर्णरेखा का जलस्तर बढ़ने से जमशेदपुर के मानगो के निचले इलाके में बाढ़ आ जाती है। जबकि खरकाई का जलस्तर बढ़ा तो बागबेड़ा जुगसलाई आदि के निचले क्षेत्र जलमग्न हो जाएंगे।
खास बात यह है कि खरकाई और स्वर्णरेखा का मिलन जमशेदपुर में ही होता है। ऐसी स्थिति में जमशेदपुर पर दोहरा खतरा मंडरा रहा है।
बता दें कि पिछले तकरीबन तीन दिनों से झारखंड में साइक्लोनिक सरकुलेशन का प्रभाव देखने को मिल रहा है। मौसम विभाग ने भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया था और भारी बारिश जारी है। प्रशासन के मुताबिक आदित्यपुर ब्रिज के पास हर की नदी खतरे के निशान के पार हो गई है। जबकि स्वर्ण रेखा नदी खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है। जिसके कारण तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में कोहराम मचा हुआ है।
इधर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने जमशेदपुर के तटीय क्षेत्रों में रहने वालों को सुरक्षित रखने की चिंता मंत्री बन्ना गुप्ता ने व्यक्त करते हुए उपायुक्त को विशेष निर्देश जारी कर राहत एवं बचाव कार्य करने को कहा हैं।सोशल मीडिया अकॉउंट एक्स पर पोस्ट कर उन्होंने लिखा हैं कि लगातार तीन दिन से हो रहें बारिश के कारण स्वर्णरेखा एवं खरकई नदी का जल स्तर बढ़ता जा रहा हैं और खतरे के निशान के करीब हैं, नदी तट पर रहने वाले लोगों से अनुरोध हैं कि सतर्क रहे।
उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा हैं कि मामले में सतर्कता बरतते हुए ऐसे पीड़ितों को चिन्हित करते हुए सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने का उपाय करें साथ ही उनके दवाइयों, रहने और खाने का भी इंतजाम सुनिश्चित करें और राहत एवं बचाव कार्य चलाये!
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