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बिहार में चिराग पासवान की गाड़ी का कट गया चालान, तेज रफ्तार से दौड़ रही थी केंद्रीय मंत्री की कार

On: September 3, 2024 8:23 AM
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झारखंड वार्ता न्यूज

रांची/डेस्क :- केंद्रीय मंत्री सह लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान की गाड़ी का बिहार में ओवर स्पीडिंग के चलते चालान कट गया है।इसकी चर्चा राजधानी पटना से लेकर दिल्ली तक हो रही है। परिवहन विभाग ने हाल ही में E-Detection System शुरू किया है जो अपने आप चालान काटता है। 18 अगस्त से शुरू हुए इस सिस्टम के तहत चिराग पासवान की गाड़ी का चालान उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेजा गया है। यह घटना तब हुई जब चिराग पासवान हाजीपुर से चंपारण जा रहे थे।

बिहार सरकार ने पूरे प्रदेश में ई डिटेक्शन सिस्टम चालू किया है जिसके लिए राज्य के सभी टोल प्लाजा पर ऑटोमैटिक चालान करने के लिए सीसीटीवी लगाए है। जो टोल से आने-जाने वाली सभी गाड़ियों की तस्वीर कैद करती है और मुख्यालय भेज देती है जिसकी मॉनिटरिंग की वही से ही की जाती है। जिसके बाद अगर गाड़ी नंबर के अनुसार अगर आपकी गाड़ी के कागजात और पेपर अधूरे है तो ऑटोमैटिक चालान काट कर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर इ-चालान भेज दिया जाता है।

क्यों कटा चालान?

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की गाड़ी का ऑटोमैटिक चालान बिहार के नेशनल हाईवे पर किस बात का कटा है. इस बात का पता नहीं चल पाया है लेकिन अब बिहार में चलने वाली गाड़ियों का परमिट पेपर, बीमा और प्रदूषण का कागजात होना या अपडेट होना जरूरी हो गया है. ऐसा नहीं रहने पर बिहार के सभी टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी पर पकड़े जाने पर ऑटोमैटिक चालान काट कर आपके मोबाइल पर भेज दिया जाएगा और मैसेज भी रजिस्टर्ड नंबर पर पहुंच भेज दिया जाएगा।

पार्टी के नेताओं ने क्या कहा इस बारे में ?

यह मामला चिराग पासवान से जुड़ा हुआ सामने आया है। हालांकि इसे लेकर बताया जा रहा है कि चिराग पासवान पटना से चंपारण जा रहे थे उसी दौरान रास्ते में किसी टोल प्लाजा पर ऑटोमैटिक फाइन हुआ है। हालांकि उनके नेता का कहना है कि चिराग पासवान से संबंधित यह फाइन का ममला नहीं है।

Shubham Jaiswal

“मैं शुभम जायसवाल, बीते आठ वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने विभिन्न प्रतिष्ठित अखबारों और समाचार चैनलों में प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले पाँच वर्षों से मैं साप्ताहिक अखबार ‘झारखंड वार्ता’ से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ। पत्रकारिता मेरे लिए केवल पेशा नहीं बल्कि समाज और जनता के प्रति एक जिम्मेदारी है, जहाँ मेरी कलम हमेशा सच और न्याय के पक्ष में चलती है।

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