हजारीबाग: जिले के चौपारण थाना क्षेत्र और बिहार के गया जिले की सीमा पर उत्पाद विभाग की संयुक्त टीम ने पहली बार हाईटेक ड्रोन सर्वे का इस्तेमाल कर अवैध शराब निर्माण स्थलों का पता लगाया। यह कार्रवाई उत्पाद विभाग के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।
उत्पाद अवर निरीक्षक सुमितेश कुमार ने बताया कि ड्रोन सर्वे के दौरान भण्डार, परसातरी, भगहर झरना, चोढ़ी और अम्बातारी गांव के आसपास के जंगलों में बड़े पैमाने पर चल रहे अवैध महुआ शराब निर्माण स्थलों की पहचान की गई। इसके बाद झारखंड और बिहार दोनों राज्यों की संयुक्त टीम ने मौके पर छापेमारी अभियान चलाया।
छापेमारी के दौरान कई देसी शराब की भट्ठियां नष्ट की गईं, जबकि आरोपी मौके से फरार हो गए। टीम ने इस दौरान 22,500 किलोग्राम जावा महुआ, 1370 लीटर तैयार महुआ चुलाई शराब और 40 लीटर विदेशी शराब बरामद की। इसके अलावा शराब निर्माण में उपयोग की जा रही भारी मात्रा में कच्ची सामग्री और उपकरण भी जब्त किए गए।
जब्त सामग्री की अनुमानित कीमत करीब 15 लाख रुपये आंकी गई है। अधिकारियों ने बताया कि यह अवैध शराब बिहार में खपाने की योजना के तहत तैयार की जा रही थी।
ड्रोन तकनीक के उपयोग से यह पहली बड़ी कार्रवाई है, जिससे जंगलों और दुर्गम इलाकों में सक्रिय अवैध शराब माफियाओं पर शिकंजा कसने में मदद मिली है। विभाग का कहना है कि आगे भी इसी तरह की ड्रोन निगरानी और संयुक्त छापेमारी से अवैध शराब निर्माण पर अंकुश लगाया जाएगा।
झारखंड-बिहार की सीमा पर अवैध शराब ठिकानों का पर्दाफाश, 22500 किलो जावा महुआ; 1370 लीटर शराब नष्ट













