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बिहार: वज्रपात का कहर, 13 की मौत, मची चीख पुकार

On: April 10, 2025 8:22 AM
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बिहार: पिछले 24 घंटे के दौरान बिहार में वज्रपात की घटनाओं ने कहर मचा दिया है। विभिन्न जिलों से आ रही खबरों के मुताबिक प्रदेश के चार जिलों में तेरह लोगों की मौत आकाशीय बिजली की चपेट में आने से हुई है।बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वज्रपात से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के लिए 4 -4 लाख रुपए मुआवजे का भी ऐलान किया है।

अब तक बिहार के 4 जिलों में आकाशीय बिजली के कारण कुल 13 लोगों की मौत की खबर सामने आई है। वज्रपात की घटनाओं के कारण बेगूसराय जिले में 05, दरभंगा जिले में 04, मधुबनी जिले में 03 एवं समस्तीपुर जिले में 01 व्यक्ति की मौत का मामला सामने आया है। वज्रपात के कारण 13 लोगों की मौत पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने सभी मृतकों के परिजनों को तत्काल चार-चार लाख रुपये की अनुग्रह अनुदान देने के निर्देश दिये हैं।

सीएम नीतीश की लोगों से अपील

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि आपदा की इस घड़ी में वे प्रभावित परिवारों के साथ हैं। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि सभी लोग खराब मौसम में पूरी सतर्कता बरतें। खराब मौसम होने पर वज्रपात से बचाव के लिये आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किये गये सुझावों का अनुपालन करें। खराब मौसम में घरों में रहें और सुरक्षित रहें।

बिहार में क्यों कहर बरसा रही आसमानी बिजली?

बिहार में वज्रपात से ज्यादा मौतों के कई कारण हैं, जिनमें जलवायु परिवर्तन, मानसून के दौरान नमी और बारिश के पैटर्न में बदलाव और ग्रामीण क्षेत्रों में खेती के दौरान लोगों का खुले में रहना शामिल है। समय: अधिकांश वज्रपात की घटनाएं दोपहर के समय होती हैं, जब लोग खेत में काम कर रहे होते हैं। कई बार लोगों को वज्रपात से पहले चेतावनी नहीं मिल पाती है, जिससे वे सुरक्षित स्थानों पर नहीं जा पाते हैं।

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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