वाशिंगटन: दुनिया भर में कोरोना वायरस फैलाने वाले चीन की एक और खौफनाक साजिश का खुलासा अमेरिका की एक अदालत में हुआ है। अमेरिका में चीन के 2 शोधकर्ताओं को गिरफ्तार किया है जिनके पास से ‘फ्यूजेरियम ग्रैमिनियरम’ (Fusarium Graminearum) नाम का खतरनाक फंगस (कवक) मिला है। इस फंगस का इस्तेमाल खेत-खलिहानों में फसलों को खराब करने के लिए किया जाता है। ये फसल में ‘हेड ब्लाइट’ नाम की बीमारी फैलाता है जिससे फसलें बर्बाद हो जाती हैं। हर साल यह फंगस दुनिया भर में अरबों डॉलर का नुकसान करता है। इससे पैदा होने वाले टॉक्सिन्स इंसानों और जानवरों दोनों के लिए जानलेवा हो सकते हैं। फ्यूजेरियम ग्रैमिनियरम के विषाक्त पदार्थ मनुष्यों और पशुओं में उल्टी, यकृत की क्षति और प्रजनन संबंधी दोष पैदा करते हैं.
अमेरिकी वैज्ञानिकों ने इसे ‘एग्रो टेररिज्म’ वेपन बताया है यानी कृषि आतंकवाद कहा है। एग्रो टेररिज्म में सिर्फ फसलों को नुकसान पहुंचाया नहीं जाता बल्कि गाय से लेकर मुर्गा-बकरी तक, खाद्य आपूर्ती में अपनी भूमिका निभाने वाले जानवरों को भी निशाना बनाया जाता है।
अमेरिका की खुफिया एजेंसी एफबीआई ने चीन के जिन 2 शोधकर्ताओं को गिरफ्तार किया है उनमें एक 33 साल की युनकिंग जियान और 34 साल का जुनयोंग लियू है। अमेरिका में इस दोनों के खिलाफ कई संगीन आरोप लगाए गए हैं। अमेरिका ने दावा किया है कि युनकिंग जियन को चीन सरकार से इस फंगस पर काम करने के लिए फंड मिला था। इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से यह भी पता चला कि युनकिंग चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) की सदस्य है। जुनयोंग लियू पर आरोप है कि उसने जुलाई 2024 में यह फंगस अमेरिका में अपने साथ लाकर मिशिगन यूनिवर्सिटी की एक लैब में रिसर्च करने की कोशिश की। उसकी गर्लफ्रेंड, युनकिंग जियान भी इस लैब में काम करती हैं। दोनों ने एक साथ इस जैविक फफूंदी को अमेरिका में लाने की साजिश रची।