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मदन साहु

सिसई (गुमला): प्रखण्ड क्षेत्र के विभिन्न गांवों से दो सौ की संख्या में महिला, पुरूष व बच्चों की जत्था माही ट्रैवल्स सिसई के बैनर तले बस प्रबंधक अजय कुमार जायसवाल के अगुवाई में पांच बसों में सवार होकर जीता पतरा सिसई से प्रयागराज महाकुम्भ यात्रा व मौनी अमावस्या पर त्रिवेणी संगम में पवित्र शाही स्नान करने के लिए श्रद्धालुगण रवाना हुए।

श्रद्धालुओं ने जानकारी देते हुए बताया कि हम सभी लोग महाकुम्भ को लेकर बहुत उत्साहित हैं। क्योंकि यह अद्भुत और दुर्लभ संयोग एवं शुभ अवसर एक सौ चौवालीस वर्षों के बाद आया है। यह कुदरत का अद्भुत संयोग है जो हम सभी के जीवन में पहली और अंतिम बार आया है। ये अवसर दुबारा हमारे जीवन में फिर कभी नहीं आयेगा। इसीलिए हमलोग अपने बाल बच्चों व कुटुम्बजनों के साथ प्रयागराज में महाकुम्भ का पवित्र शाही स्नान करने जा रहे हैं। जिससे हम सभी को मोक्ष की प्राप्ति हो जाए। यह महाकुम्भ वैसे तो बारह साल में एक बार आता है, लेकिन इस बार का महाकुम्भ एक सौ चौवालीस वर्षों के बाद एक अद्भुत और दुर्लभ संयोग के साथ प्रयागराज में आयोजित हो रहा है, जिसमें हमारे समस्त देवी देवता स्वर्ग से उतरकर पूरे डेढ़ महीने तक प्रयाग के धरती पर हम सभी सनातनियों के साथ साथ सभी प्राणियों को अपना आशीर्वाद देने के लिए पधारे हैं, हमारे शास्त्रों में वर्णन है, कि जब समुद्र मंथन हुआ था तो उसमें से अमृत कलश प्रकट हुआ था।

जो देवताओं की प्राप्ति के लिए था लेकिन असुरों के द्वारा अमृत कलश छीने जाने पर कलश से अमृत छलक कर इन चार स्थानों क्रमशः हरिद्वार , प्रयागराज, नाशिक और उज्जैन की धरती पर गिरा था। जिससे ये चारों स्थान अमृतमय हो गए। इस वजह से प्रत्येक बारह वर्षों के अंतराल पर इन चारों स्थान पर बारी बारी से महाकुम्भ के रूप में आयोजन किया जाता है। जो हम सनातनियों के लिए बड़े ही सौभाग्य की बात है और सनातनियों के अलावे अन्य सभी लोगों के लिए भी सौभाग्य की बात होगी जो हिन्दू धर्म पर विश्वास रखते हैं, चाहे वे किसी भी धर्म या जाति के हों, क्योंकि हमारा भारत देश प्राचीन काल से ईश्वर पर आस्था और अटूट विश्वास रखते आया है। इसलिए यह महाकुम्भ भारत ही नहीं अपितु समस्त विश्व के लिए कल्याणकारी है। यही वजह है कि भारत के कोने कोने से लोग संगम में डुबकी लगाने आते हैं तथा भारत के अलावे विदेशों से भी लाखों लोग संगम पर आस्था की डुबकी लगाने के लिए आते हैं और इस महाकुम्भ के मेले की आयोजन पूरे श्रद्धा के साथ शामिल होते हैं।

इस धार्मिक यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं में राजू श्रीवास्तव, व उनकी धर्मपत्नी कुसुम देवी अमित कुमार दुबे, व उनकी धर्मपत्नी मनीषा देवी, ऋषभ राज दुबे, शिवनारायण सिंह व उनकी धर्मपत्नी सुभद्रा देवी, राजेंद्र सिंह, व उनकी धर्मपत्नी तारा देवी, दिव्या कुमारी, बादल कुमार सिंह, गोविन्द महतो, दीपू साहू, शंभूनाथ सिंह चौहान, कमला देवी, पूनम देवी, बबीता देवी ,सूरज श्रीवास्तव, गुजा राम, दिनेश प्रसाद व उनकी धर्मपत्नी  सहित दो सौ श्रद्धालुगण शामिल हैं।

श्रद्धालुओं ने कहा कि सबसे पहले अयोध्या में प्रभु श्रीराम जी के दरबार में मत्था टेक कर अपने घर परिवार तथा समस्त प्रखण्ड वासियों के सुख समृद्धि और अमन चैन के लिए प्रार्थना कर आशीर्वाद मांगेंगे तत्पश्चात मौनी अमावस्या पर शाही स्नान करेंगे। फिर विंध्याचल जाकर मां विंध्यवासिनी की पूजा अर्चना करेंगे। वापसी में बनारस पहुंच कर काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा विश्वनाथ जी का दर्शन पूजन करेंगे और फिर सिसई के लिए सभी श्रद्धालु सकुशल वापस लौटेंगे। वहीं बस के प्रबंधक अजय कुमार जायसवाल जी जानकारी देते हुए कहा कि जब से प्रयागराज में महाकुम्भ मेला का आयोजन शुरू हुआ है, तब से लगातार सिसई प्रखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों से चार पांच बसों में श्रद्धालुओं को प्रयाग के महाकुम्भ यात्रा के लिए भेज रहे हैं। श्रद्धालुओं को तीन शाही स्नान करा चुके हैं और अभी  प्रति दिन चार पांच बसों की लगातार बुकिंग जारी है।

विशेष तौर पर बसंत पंचमी पर चौथा शाही स्नान, माघ पूर्णिमा पर पांचवा शाही स्नान, एवं महाशिवरात्रि पर छठा व अंतिम शाही स्नान के लिए पांच पांच बसों की अग्रिम बुकिंग हो चुकी है।