हजारीबाग: लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा (जेपी कारा) से तीन कैदियों के फरार होने की सनसनीखेज घटना सामने आई है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि तीनों कैदी किस आपराधिक मामले में सजा काट रहे थे या विचाराधीन कैदी थे। जानकारी के अनुसार फरार हुए तीनों कैदी धनबाद जिले के निवासी बताए जा रहे हैं। घटना की सूचना मिलते ही प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है और जेल प्रशासन से लेकर पुलिस महकमा अलर्ट मोड पर आ गया है।
लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा को राज्य की सबसे सुरक्षित जेलों में शुमार किया जाता है। यहां कुख्यात अपराधियों, नक्सलियों और कई हाई प्रोफाइल विचाराधीन कैदियों को रखा जाता है। ऐसे में तीन कैदियों का फरार हो जाना न केवल जेल प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था की मजबूती पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।
घटना के बाद जेल परिसर और आसपास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। फरार कैदियों की तलाश के लिए पुलिस और जेल प्रशासन की संयुक्त टीमें गठित की गई हैं। संभावित ठिकानों पर लगातार छापेमारी की जा रही है, वहीं राज्य के सभी जिलों को अलर्ट पर रखा गया है ताकि फरार कैदियों की जल्द गिरफ्तारी सुनिश्चित की जा सके।
सूत्रों के मुताबिक, फरारी की घटना के बाद जेल के भीतर सुरक्षा व्यवस्था की गहन समीक्षा शुरू कर दी गई है। सभी वार्डों की बारीकी से जांच कराई जा रही है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कैदी किस रास्ते और किन परिस्थितियों में जेल से बाहर निकले। प्रारंभिक स्तर पर सुरक्षा में चूक की आशंका से इनकार नहीं किया जा रहा है।
वहीं, प्रशासनिक स्तर पर भी जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका की जांच की जा रही है। संभावना जताई जा रही है कि जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। फिलहाल पूरे मामले पर प्रशासन की नजर बनी हुई है और फरार कैदियों की गिरफ्तारी को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।














