बिहार विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा फिर से एक बार किस्मत आजमाने को तैयार है और चर्चा है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा 12 सीटों की मांग कर सकती है लेकिन उसे वहां 6 या 7 सीट मिल सकती है। सीट बंटवारे को लेकर 6 अक्टूबर को पटना में राष्ट्रीय जनता दल नेता तेजस्वी यादव के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा की बैठक होने वाली है।झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस बातचीत के लिए मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू और पार्टी महासचिव विनोद पांडेय को जिम्मेदारी सौंपी है। दोनों नेता 6 अक्टूबर को पटना पहुंचेंगे।
इससे प हले सितंबर में हेमंत सोरेन ने पटना में वोटर अधिकार रैली के दौरान राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से मुलाकात की थी, लेकिन तब सीट बंटवारे पर कोई चर्चा नहीं हुई थी।
झामुमो की 12 सीटों की मांग
झामुमो इस बार बिहार के सीमावर्ती जिलों में चुनाव लड़ने की तैयारी में है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, झामुमो महागठबंधन से 12 सीटों की मांग करेगा। इनमें तारापुर, कटोरिया, मनिहारी, झाझा, बांका, ठाकुरगंज, रूपौली, रामपुर, बनमनखी, जमालपुर, पीरपैंती और चकाई सीटें शामिल हैं। पार्टी का कहना है कि इन क्षेत्रों में उसका मजबूत जनाधार है और पहले भी यहां से उसके विधायक जीत चुके हैं।
झारखंड में राजद को दी थीं 7 सीटें
गौरतलब है कि 2024 के झारखंड विधानसभा चुनाव में झामुमो ने राजद को 7 सीटें दी थीं, जिनमें से राजद ने 4 सीटों पर जीत हासिल की थी।
जबकि वहीं दूसरी ओर पिछले विधानसभा चुनाव में बिहार में झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रदर्शन को देखें तो 2010 के चुनाव में जमुई के चकाई से सुमित सिंह ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के टिकट पर जीत हासिल की थी। वहीं 2015 के चुनाव में JMM 32 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, और सभी सीटों पर जमानत जब्त हुई थी।
बहरहाल दावा किया जा रहा है कि यदि महागठबंधन में झारखंड मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय जनता दल में सही तालमेल होता है सीट बंटवारे को लेकर तो गठबंधन और मजबूत स्थिति में पहुंचेगी। हालांकि इस बार गेंद राष्ट्रीय जनता दल के पाले में है।अब देखना है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा को कितना सीट मिलती है।










