---Advertisement---

पर्यटकों के लिए खोला गया बेतला नेशनल पार्क, सख्त गाइडलाइन के साथ शुरू हुई पर्यटन गतिविधि

On: October 5, 2025 5:19 PM
---Advertisement---

पलामू: तीन महीने के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार झारखंड के मशहूर बेतला नेशनल पार्क में रविवार की अहले सुबह से पर्यटन गतिविधियां फिर से शुरू हो गईं। हर साल की तरह इस बार भी वन विभाग ने 1 जुलाई से 30 सितंबर तक पर्यटकों के प्रवेश पर रोक लगाई थी, ताकि मानसून के दौरान वन्य जीवों और पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सके।

इस बार नवरात्र को देखते हुए रिजर्व क्षेत्र को 27 सितंबर से खोलने की योजना थी, लेकिन पिछले कुछ दिनों से पलामू इलाके में लगातार भारी बारिश होने के कारण यह फैसला कुछ दिनों के लिए टालना पड़ा। बारिश से रिजर्व क्षेत्र के कई हिस्सों की सड़कें टूट गईं, जबकि जलाशयों और नालों में पानी भर गया है। इसके चलते फिलहाल कुछ इलाकों में पर्यटकों की आवाजाही पर रोक रहेगी।

रविवार को पर्यटन सत्र की शुरुआत कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की छात्राओं और स्थानीय बच्चों द्वारा की गई। उद्घाटन के साथ ही पार्क प्रशासन ने पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई नए दिशा-निर्देश (गाइडलाइन) जारी किए हैं। इनमें बारिश की स्थिति में सफारी गतिविधियों को अस्थायी रूप से रोकने और क्षतिग्रस्त सड़कों वाले इलाकों में गाड़ियों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने जैसे प्रावधान शामिल हैं।

इस बार बेतला नेशनल पार्क में केवल ओपन जीप सफारी की अनुमति दी गई है। साथ ही सभी पर्यटकों का पूरा डेटा ऑनलाइन दर्ज किया जा रहा है ताकि सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सके।

झारखंड के लातेहार जिले में स्थित बेतला नेशनल पार्क भारत के सबसे पुराने टाइगर रिजर्वों में से एक है। इसकी स्थापना वर्ष 1974 में ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ के तहत की गई थी। यह पार्क अपने हरे–भरे साल और बांस के पेड़ों, ऊँची–नीची घाटियों, झरनों और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है।

यहां आने वाले पर्यटक जीप सफारी के जरिए जंगल की रोमांचक सैर का आनंद ले सकते हैं। हालांकि इस बार भारी बारिश से सफारी मार्ग क्षतिग्रस्त होने के कारण कुछ हिस्सों में सफारी सेवाएं फिलहाल उपलब्ध नहीं होंगी।

वन्य जीवों की बात करें तो बेतला पार्क में बाघ, तेंदुआ, भालू, भेड़िया, जंगली कुत्ते, लकड़बग्घा, लोमड़ी के अलावा चीतल, सांभर, बारहसिंगा और नीलगाय जैसी कई प्रजातियों के हिरण देखे जा सकते हैं। यहां हाथियों के झुंड पर्यटकों के लिए हमेशा आकर्षण का केंद्र रहते हैं।

पक्षी प्रेमियों के लिए भी बेतला किसी स्वर्ग से कम नहीं है। यहां मोर, तीतर, तोता, हंस, बत्तख और अनेक प्रवासी पक्षी सर्दियों के मौसम में बड़ी संख्या में देखे जाते हैं। यही कारण है कि हर साल हजारों सैलानी यहां पहुंचकर जंगल के अनोखे प्राकृतिक सौंदर्य और वन्य जीवों की विविधता का आनंद उठाते हैं।

पार्क प्रशासन की अपील


पर्यटक तय गाइडलाइन का पालन करें, बारिश या फिसलन की स्थिति में अनावश्यक जोखिम न लें और जंगल के पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने में सहयोग करें।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

Join WhatsApp

Join Now