जमशेदपुर: दक्षिण पूर्व रेलवे ने टाटानगर-अमृतसर जलियांवाला बाग एक्सप्रेस को 01 दिसंबर 2025 से 27 फरवरी 2026 तक रद्द करने का निर्णय लिया है। रेलवे ने कोहरे की आशंका को वजह बताया है, लेकिन इस फैसले से झारखंड, बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश के करीब 1500 से अधिक यात्रियों को हर फेरे में परेशानी झेलनी पड़ेगी।
ट्रेन के हर सफर में सिर्फ टाटानगर से ही सात से आठ सौ यात्री सवार होते हैं। यह एक्सप्रेस सप्ताह में दो दिन, सोमवार और बुधवार को चलती है। जलियांवाला बाग एक्सप्रेस का परिचालन 13 अप्रैल 2003 को शुरू हुआ था। यह ट्रेन लगभग 1747 किलोमीटर की दूरी करीब 33 घंटे में तय करती है और पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार के यात्रियों के बीच यह पहली पसंद मानी जाती है।
यात्रियों में रोष, बोले– सिर्फ इस ट्रेन को ही क्यों बंद किया जाता है?
यात्रियों का कहना है कि हर साल ठंड के मौसम में रेलवे इसी ट्रेन को रद्द कर देता है, जबकि टाटानगर से दिल्ली जाने वाली पुरुषोत्तम, राजधानी, नीलांचल और संपर्क क्रांति जैसी ट्रेनें नियमित रूप से चलती रहती हैं। यात्रियों का कहना है कि सिर्फ जलियांवाला बाग एक्सप्रेस को बंद करना अनुचित है।
सिख समाज के लोगों ने इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यह ट्रेन उनके लिए धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। अमृतसर, लुधियाना, पटियाला और हरिद्वार जैसे धार्मिक स्थलों तक पहुंचने के लिए यह ट्रेन सबसे सुविधाजनक रही है।
अन्य ट्रेनों पर बढ़ेगा दबाव
जलियांवाला बाग एक्सप्रेस के रद्द होने से टाटानगर-जम्मूतवी, राजधानी और संपर्क क्रांति जैसी ट्रेनों पर अतिरिक्त दबाव बढ़ेगा। इसके साथ ही यात्रियों को लंबी वेटिंग, ऊंचे किराए और कनेक्टिंग ट्रेनों की झंझट का सामना करना पड़ेगा।
यात्रियों ने रेलवे से मांग की है कि कोहरे के मौसम में वैकल्पिक व्यवस्था की जाए या जलियांवाला बाग एक्सप्रेस को सीमित स्टॉप के साथ ही सही, लेकिन पूरी तरह बंद न किया जाए।
टाटानगर-अमृतसर जलियांवाला बाग एक्सप्रेस तीन महीने के लिए रद्द, यात्रियों में नाराजगी









