रायपुर: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। रविवार (30 नवंबर) को कुल 37 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। इनमें से 27 नक्सलियों पर कुल 65 लाख रुपये का इनाम घोषित था। आत्मसमर्पण की यह कार्रवाई जिले में चल रहे उग्रवाद-रोधी प्रयासों को नई मजबूती देती है।
दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक गौरव राय के मुताबिक, 12 महिला नक्सलियों सहित सभी ने ‘पूना मारगेम’ (पुनर्वास से सामाजिक एकीकरण तक) अभियान के तहत आत्मसमर्पण किया। पुलिस और सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में ये सभी मुख्यधारा में लौटे।
सरेंडर करने वालों में 8–8 लाख रुपये के इनाम वाली कुमली उर्फ़ अनीता मंडावी, गीता उर्फ़ लख्मी, रंजन मंडावी और भीमा उर्फ़ जहाज़ जैसे नाम शामिल हैं। जो बड़े नक्सली मुठभेड़ों के हिस्सा रहे हैं । कंपनी नंबर-2 से जुड़ा भीमा उर्फ़ जहाज़ साल 2020 में हुए मिनपा हमले का हिस्सा था। वही भयावह घटना जिसमें 26 जवानों ने अपनी शहादत दी थी और उनके हथियार भी लूट लिए गए थे। इस पूरी सूची में 5 लाख, 2 लाख और 1 लाख के इनाम वाले कई नक्सली शामिल हैं।
सरकार देगी तत्काल सहायता, प्रशिक्षण और भूमि
एसपी राय ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सरकार की पुनर्वास नीति के तहत 50,000 रुपये की तत्काल आर्थिक सहायता, कौशल विकास का प्रशिक्षण, कृषि भूमि और आवश्यकतानुसार अन्य पुनर्वास सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
पिछले 20 महीनों में 508 नक्सलियों का आत्मसमर्पण
दंतेवाड़ा जिले में पिछले 20 महीनों में 508 से अधिक नक्सली हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हुए हैं, जिनमें से 165 इनामी थे। इनमें कई नक्सली नेतृत्व स्तर तक से जुड़े लोग भी हैं, जो अब प्रतिबंधित संगठन से दूरी बना चुके हैं।
पूरे छत्तीसगढ़ में हुआ बड़ा बदलाव
पुलिस आंकड़ों के अनुसार, पिछले 23 महीनों में पूरे राज्य में 2,200 से अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें कई शीर्ष स्तर के नक्सली भी शामिल हैं, जिनका लंबे समय से सुरक्षा एजेंसियां पीछा कर रही थीं।
2026 तक नक्सलवाद मुक्त भारत का लक्ष्य
केंद्र सरकार ने वर्ष 2026 तक देश से नक्सलवाद पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य तय किया है। दंतेवाड़ा जैसे जिलों से आने वाली ऐसी बड़ी खबरें इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही हैं।














