झारखंड में एक बार फिर कांग्रेस के साथ खेला हो सकता है और चर्चा है कि कांग्रेस के कुछ विधायक टूट कर भाजपा के पाले में जा सकते हैं। इसका कारण यह बताया जा रहा है कि सोशल मीडिया पर एक सीसीटीवी फुटेज तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें झारखंड विधानसभा के कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव झारखंड बीजेपी के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को कुछ कागजात देते हुए नजर आ रहे हैं। यह कौन से पेपर हैं? क्या यह कोई लिस्ट है? वीडियो में दिख रहा है कि बाबूलाल मरांडी धीमे कदमों से आगे बढ़ते हैं और विपरीत दिशा से प्रदीप यादव उनके समीप पहुंचते हैं।यादव उनको कुछ पेपर देते हैं। बाबूलाल मरांडी पेपर को देखते हैं और यादव उनसे चर्चा करते हुए, पेपर पर उंगली से कुछ दिखाते हैं। इस छोटी सी मुलाकात के बाद दोनों नेता विपरीत दिशाओं में रवाना हो जाते हैं। यह रहस्यमयी मुलाकात के बाद झारखंड की राजनीति में सियासी बदलाव के अटकलें लगाई जा रही है।
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बता दें कि प्रदीप यादव पहले आरएसएस और भाजपा से जुड़े रह चुके हैं और बाबूलाल मरांडी के साथ झाविमों में भी रह चुके हैं और कांग्रेस में रहते हुए भी सदन में कांग्रेसी मंत्रियों की आलोचना भी करते रहे हैं।
झारखंड सरकार में हालात सामान्य नजर नहीं आ रहे हैं। कांग्रेस को भले ही यह भरोसा हो कि झारखंड सरकार में सब सामान्य है, लेकिन पिछले कई घटनाक्रम असामान्य स्थितियों की ओर ही इशारा कर रहे हैं।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन इन दिनों दिल्ली आना जाना जारी है।बीते 15 दिनों में वे दूसरी बार दिल्ली के दौरे पर गए हैं। कहने को तो वे झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार के बेटे के रिसेप्शन में शामिल होने के लिए गए थे, लेकिन कहा जा रहा है कि यह दौरा सिर्फ इतने तक ही सीमित नहीं है। वे एक बार फिर बीजेपी के दिग्गज नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं।
झारखंड में सियासी उलटफेर के कयासों के बीच कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस और जेएमएम के बीच ऑल इज वेल कहा है।
कहा यह भी जा रहा है कि केसी वेणुगोपाल ने विधायकों को मिल जुल कर रहने की नसीहत भी दी है।
वहीं सूत्रों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से झारखंड सियासी उलटफेर की ख़बर सुर्खियों में है।झारखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने वेणुगोपाल से अपने विधायक दल के नेता के कार्यकलाप को लेकर शिकायत की है। जिसके बाद कांग्रेस संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने ट्वीट कर कहा कांग्रेस – JMM के बीच “ऑल इज वेल” है।
अब ये समझना मुश्किल है कि खतरा कांग्रेस -JMM के एलायंस में है या फिर खुद कांग्रेस के भीतर है!
लेकिन बताया जाता है कि झारखंड कांग्रेस में कलह जमकर चल रही है। इन घटनाक्रमों के बीच अब कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि या तो जेएमएम-कांग्रेस का गठबंधन टूटने वाला है, या फिर झारखंड के कांग्रेस विधायकों में ही विभाजन होने वाला है।
वहीं यह खबर भी सुर्खियों में थी कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दिल्ली दौरे के दौरान बीजेपी के कुछ नेताओं से मुलाकात की थी। संभव है कि पिछली मुलाकातों में हुई बातचीत का असर ताजा मुलाकातों में देखा जा सकता है। झारखंड में क्या वास्तव में सत्ता की नई खिचड़ी पक रही है। यह तो भविष्य के गर्भ में छिपा हुआ है। वैसे भी झारखंड में सियासत में कभी भी कुछ भी ऐतिहासिक भूचाल आ सकता है क्योंकि पहले भी ऐसा होता रहा है। बहरहाल अब देखना है कि सिर्फ चर्चा है या कुछ चर्चाओं में हकीकत भी है!














