छपरा: बिहार के छपरा से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां ठंड से बचने के लिए जलाया गया अंगीठी पूरे परिवार पर भारी पड़ गया। इस दर्दनाक हादसे में एक ही परिवार के तीन नाबालिग बच्चों समेत चार लोगों की दम घुटने से मौत हो गई, जबकि 4 अन्य गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं। घटना के बाद पूरे इलाके में मातम पसरा हुआ है।
यह मामला भगवान बाजार थाना क्षेत्र के भरत मिलाप चौक का है। यहां रहने वाले रामलखन सिंह का परिवार ठंड से बचने के लिए रात में कमरे के अंदर अंगीठी जलाकर सो गया। बताया जा रहा है कि परिवार के कुल 8 सदस्य एक ही कमरे में थे और ठंड से बचाव के लिए दरवाजा पूरी तरह बंद कर लिया गया था। इसी दौरान अंगीठी से निकला धुआं कमरे में भरता चला गया और ऑक्सीजन की कमी हो गई।
सुबह जब काफी देर तक कोई हलचल नहीं हुई तो आसपास के लोगों को शक हुआ। दरवाजा खोला गया तो अंदर का दृश्य देखकर लोग सन्न रह गए। कमरे में मौजूद सभी सदस्य बेहोशी की हालत में पड़े थे। आनन-फानन में इसकी सूचना पुलिस और स्वास्थ्य विभाग को दी गई। सूचना मिलते ही भगवान बाजार थाना पुलिस मौके पर पहुंची और स्थानीय लोगों की मदद से सभी को छपरा सदर अस्पताल ले जाया गया।
अस्पताल में डाॅक्टरों ने चार लोगों को मृत घोषित कर दिया। मृतकों की पहचान 70 वर्षीय कमलावती देवी, 4 साल के अध्याय, 3 साल के तेजश और 7 महीने की गुड़िया कुमारी के रूप में हुई है। वहीं, परिवार के अन्य 4 सदस्यों की हालत गंभीर बनी हुई है और उनका इलाज जारी है। अस्पताल प्रशासन के अनुसार, धुएं के कारण कमरे में ऑक्सीजन की मात्रा बेहद कम हो गई थी, जिससे दम घुटने की यह घटना हुई।
पुलिस ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि प्रथम दृष्टया मामला बंद कमरे में अंगीठी जलाने से हुए दम घुटने का प्रतीत होता है। फिलहाल पूरे मामले की जांच की जा रही है और आवश्यक कानूनी प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
गौरतलब है कि सर्दी के मौसम में ग्रामीण और शहरी इलाकों में लोग अंगीठी, बोरसी या अलाव का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन बंद कमरे में आग जलाना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। इस तरह की लापरवाही हर साल कई लोगों की जान ले लेती है।
ठंड से बचाव के दौरान सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। बंद कमरे में कभी भी अलाव या अंगीठी जलाकर न सोएं, क्योंकि थोड़ी सी चूक जानलेवा साबित हो सकती है।














