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झारखंड वार्ता

उत्तरप्रदेश:- लखनऊ में शनिवार को एक दरोगा भीड़ को देखकर अचानक चिल्लाते हुए मदद की गुहार लगाने लगा। दरोगा बार-बार अपना अपहरण किए जाने की बात कर रहा था। कुछ लोगों ने उसे पकड़ रखा था और अपने साथ ले जा रहे थे।

रिश्वतखोरी पड़ी भारी

दरअसल, उत्तर प्रदेश के भ्रष्टाचार निरोधक संगठन (एसीओ) ने दरोगा को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया था। दारोगा एक होटल मालिक को डरा धमकाकर घूस ले रहा था। इसकी शिकायत मिलने पर एसीओ ने उसके खिलाफ एक्शन लिया। पकड़ा गया दारोगा राहुल त्रिपाठी बंथरा थाने के हरौनी पुलिस चौकी का प्रभारी था।

क्या है पूरा मामला

बंथरा थाने में 28 अगस्त को एक किशोरी को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने के मामले में आरोपी विशाल रावत पर एफआईआर दर्ज की गई थी। विवेचना के बाद केस में दुष्कर्म की धारा बढ़ाने के साथ दो आरोपी जेल भेजे गए थे। घटनास्थल दुबग्गा में एमएफ टॉवर स्थित होटल था। केस की विवेचना कर रहे हरौनी चौकी इंचार्ज दरोगा राहुल त्रिपाठी ने होटल मालिक विनोद कुमार से कई बार पूछताछ की। आरोप है कि दरोगा राहुल त्रिपाठी ने विनोद को डराया कि चूंकि घटनास्थल उनका होटल है। ऐसे में वह भी धारा 368 के तहत आरोपी बनाए जाएंगे। दरोगा ने बचाने का दावा कर विनोद से 20 हजार रुपये की मांग की। विनोद ने एंटी करप्शन की टीम को जानकारी दी। इसके बाद टीम ने दरोगा को रंगेहाथ दबोचने के लिए जाल बिछाया। शनिवार शाम चार बजे विनोद रुपये लेकर हरौनी चौकी गए। वहां दरोगा राहुल त्रिपाठी ने जैसे ही रिश्वत की रकम हाथों में ली, टीम ने तुरंत उसे दबोच लिया। मामले में पीजीआई थाने में देर रात आरोपी दारोगा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।