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चुनावी बॉन्ड किसने खरीदा, किस पार्टी ने भुनाया, चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड हुआ पूरा डेटा

On: March 21, 2024 4:31 PM
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झारखंड वार्ता न्यूज

Electoral Bonds:- SBI ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक चुनावी बॉन्ड्स से जुड़ी सारी जानकारी तय समय सीमा यानी 21 मार्च शाम पांच बजे से पहले ही उपलब्ध करा दी है.

आखिरकार स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने को सुप्रीम कोर्ट के सामने इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी सारी जानकारी सौंप दी है. इसके तहत सुप्रीम कोर्ट में एसबीआई चेयरमैन द्वारा हलफनामा दिया गया है जिसमें पूरी डिटेल मांगी गई थी. अब इस मसले पर और भी कई खुलासे होने की उम्मीद है. असल में 18 मार्च को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने बैंक को आदेश दिया था कि हर बॉन्ड का अल्फान्यूमेरिक नंबर और सीरियल नंबर, खरीद की तारीख समेत राशि के बारे में भी बताएं.


सुप्रीम कोर्ट के उसे आदेश का पालन करते हुए एसबीआई ने कोर्ट के सामने सारी जानकारियां प्रस्तुत कर दी हैं. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा था कि 21 मार्च की शाम 5 बजे तक SBI के चेयरमैन एक एफिडेविट भी दाखिल करें कि उन्होंने सारी जानकारी दे दी है. इसी कड़ी में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने नियत समय से पहले ही सारी जानकारियां कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत कर दी हैं.

EC की वेबसाइट पर सार्वजनिक


फिलहाल अब बैंक ने जानकारी सार्वजनिक कर दी है कि किसने किस पार्टी को बॉन्ड के जरिए कितना चंदा दिया. इसके अलावा यह जानकारी चुनाव आयोग की वेबसाइट पर भी अब सार्वजनिक हो गई है. चुनाव आयोग ने एक लिंक ट्वीट किया है जिसमें आप भी देख सकते हैं कि आंकड़ा क्या है.

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन दिनेश खारा ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि⁠ बैंक ने अब चुनावी बॉन्ड क्रेता का नाम, मूल्यवर्ग और विशिष्ट संख्या, बॉन्ड को भुनाने वाली पार्टी का नाम और पार्टी के बैंक खाते के अंतिम चार अंक दिए हैं. साथ ही ⁠इस हलफनामे में यह भी बैंक की तरफ से कहा गया है कि चुनावी बॉन्ड का कोई अन्य विवरण अब बैंक के पास नहीं है.

Satyam Jaiswal

सत्यम जायसवाल एक भारतीय पत्रकार हैं, जो झारखंड राज्य के रांची शहर में स्थित "झारखंड वार्ता" नामक मीडिया कंपनी के मालिक हैं। उनके पास प्रबंधन, सार्वजनिक बोलचाल, और कंटेंट क्रिएशन में लगभक एक दशक का अनुभव है। उन्होंने एपीजे इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन से शिक्षा प्राप्त की है और विभिन्न कंपनियों के लिए वीडियो प्रोड्यूसर, एडिटर, और डायरेक्टर के रूप में कार्य किया है। जिसके बाद उन्होंने झारखंड वार्ता की शुरुआत की थी। "झारखंड वार्ता" झारखंड राज्य से संबंधित समाचार और जानकारी प्रदान करती है, जो राज्य के नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण है।

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