शुभम जायसवाल
श्री बंशीधर नगर (गढ़वा) :– श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर श्री बंशीधर मंदिर के खलिहान प्रांगण में श्री बंशीधर सूर्य मंदिर ट्रस्ट की ओर से आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन श्रद्धालुओं को अमृत पान कराते हुए श्रीधाम वृन्दावन से आए आचार्य श्री स्वामी पुण्डरीकाक्षाचार्य वेदांती जी महाराज ने श्रीमद् भागवत में मंगलाचरण के प्रारंभ के 3 श्लोकों की सुंदर व्याख्या की। श्रीमद् भागवत में प्रथम श्लोक में वेदव्यास जी ने धीमहि शब्द का उपयोग किया है। वह संकेत किया है कि श्रीमद्भागवत गायत्री मंत्र का ही अनुवाद है। वेदों को समझ पाना कठिन था इसलिए ब्रह्मसूत्र पर वेदव्यास जी ने जो भाषा लिखा है, उसका नाम है।
