पीएम मोदी ने हजारीबाग में 83,700 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की शुरुआत की

On: October 2, 2024 1:50 PM

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हजारीबाग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को हजारीबाग में 83,700 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं की शुरुआत की। इन परियोजनाओं से न केवल झारखंड, बल्कि देश के अन्य राज्यों को भी लाभ मिलेगा। इन विकास योजनाओं में आदिवासी समुदाय के कल्याण के लिए कई योजनाएं भी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान के अनुसार इस परियोजना से 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 549 जिलों के पांच करोड़ से अधिक आदिवासियों को लाभ होगा। मोदी ने प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन) के तहत 1,360 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया। इनमें 1,380 किलोमीटर से अधिक सड़कें, 120 आंगनवाड़ी केंद्र, 250 बहुउद्देश्यीय केंद्र और 10 स्कूल छात्रावासों का निर्माण शामिल है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने लगभग 3,000 गांवों में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों से संबंधित 75,800 से अधिक घरों के विद्युतीकरण की घोषणा की। अन्य पहल में 275 मोबाइल चिकित्सा इकाइयों का संचालन, 500 आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थापना, 250 वन धन विकास केंद्रों की स्थापना और 5,550 से अधिक पीवीटीजी गांवों में पाइप से पानी का प्रावधान शामिल है।
पीएम मोदी ने कहा कि, ‘कुछ ही दिन पहले मैं जमशेदपुर आया था। जमशेदपुर से मैंने झारखंड के लिए सैकड़ों करोड़ की विकास परियोजनाओं का शुभारंभ किया था। झारखंड के हजारों गरीबों को पीएम आवास योजना के तहत अपना पक्का घर मिला था। अब कुछ ही दिनों के भीतर एक बार फिर से झारखंड आकर 80 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास लोकार्पण हुआ है। ‘पीएम मोदी ने कहा कि ये योजनाएं आदिवासी समाज के कल्याण आदिवासी समाज के उत्थान से जुड़ी हैं। ये भारत सरकार द्वारा देश के आदिवासी समाज को मिल रही है प्राथमिकता का प्रमाण है। मैं सभी झारखंडवासियों को सभी देशवासियों को इन विकास कार्यों के लिए बहुत-बुहत बधाई देता हूं।
पीएम ने कहा कि अभी मैंने यहां धरती आभा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान एक बहुत बड़े कार्यक्रम का शुभारंभ किया है। इस योजना पर करीब 80 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। धरती आभा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान तहत करीब 550 जिलों में करीब 65 हजार आदिवासी बहुल गांवों का विकास करने का अभियान चलाया जाएगा। इन आदिवासी बहुल गांवों में सामाजिक-आर्थिक वहां के जीवन को बेहतर बनाने के लिए काम होगा। इसका लाभ देश के 5 करोड़ से ज्यादा आदिवासी भाई बहनों को मिलेगा।