रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 9 अप्रैल को अपने आवासीय कार्यालय में राज्य के आला अधिकारियों के साथ मैराथन बैठक की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के उपायुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिलों में चल रही अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य, चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण, कृषि, ग्रामीण विकास और गृह विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की अध्ययन स्थिति जानी।
मुख्यमंत्री ने विभागों द्वारा संचालित महत्वाकांक्षी एवं जनकल्याणकारी विकास योजनाओं के संचालन में तत्परता, पारदर्शिता एवं प्रतिबद्धता के साथ तेजी लाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि जिला स्तर पर योजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लायें, ताकि अंतिम व्यक्ति तक राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ पहुंच सके।
बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिला स्तर पर योजनाओं के कार्यान्वयन में गति लाएं ताकि विकास की राह में खड़े अंतिम व्यक्ति तक राज्य सरकार की ओर से संचालित महत्वाकांक्षी योजनाओं को पहुंचाया जा सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि गर्मी के महीने में आम जनमानस को पेयजल की समस्या उत्पन्न न हो इस पर विशेष ध्यान रखी जाए। जल संकट की स्थिति उत्पन्न न हो, इस निमित्त शीघ्र कार्य योजना तैयार करें। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि गर्मी के दिनों में अक्सर जंगलों में आगजनी की खबरें मिलती हैं। जंगलों को संरक्षित करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है, इसलिए आगजनी की समस्या का तत्काल समाधान निकालें। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि प्रखंड कार्यालय, अंचल कार्यालय और थाने सरकार का चेहरा हैं। इन कार्यालयों में पूरी पारदर्शिता के साथ जमीन की रसीद काटने से लेकर म्यूटेशन तक के कार्य हों तथा विभिन्न प्रकार के प्रमाण पत्र समय पर जारी किये जायें। राज्य सरकार पर लोगों का विश्वास बढ़े, ऐसा काम करें। इसके लिए जरूरी है कि छोटी-छोटी समस्याओं का भी जल्द से जल्द निदान हो।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं की भी समीक्षा की। बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य में 15वें वित्त आयोग के तहत 1117 नए स्वास्थ्य उपकेंद्रों का निर्माण किया जाना है, जिसमें प्रथम चरण में 949 और द्वितीय चरण में 168 स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण किया जाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सी०ओ०-सी०आई० के ब्लॉक स्तरीय समिति की ओर से संयुक्त रूप से स्वास्थ्य उपकेंद्रों के भवन निर्माण के लिए स्थल का चयन कर लिया जाए। सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अगले तीन माह के भीतर सभी ब्लड बैंकों में खून की पर्याप्त उपलब्धता रहे यह सुनिश्चित करें। खून के लिए मरीजों को जद्दोजहद न करना पड़े, इस निमित्त कार्ययोजना बनाई जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि कल्याण विभाग के सभी छात्रावासों की मरम्मती के लिए जिला स्तर पर एक संयुक्त दल बनाकर एक कॉम्प्रिहेंसिव डाटाबेस तैयार करें। उपायुक्त छात्रावासों की मरम्मती को प्राथमिकता दें। वर्तमान में छात्रावास में जो विद्यार्थी रह रहे हैं, उनके नामांकन आदि की जांच कर लें। मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत प्राप्त ऋणों से शुरू हुए व्यवसाय के लिए थर्ड पार्टी इवैल्यूएशन करायें। मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना की परिसंपत्ति पर लोगो लगाया जाये।
कृषि विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलों में संचालित कृषक पाठशालाओं में नर्सरी विकसित की जाए तथा किसानों को उनकी आवश्यकतानुसार फलदार पौधे उपलब्ध कराए जाएं। ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा के तहत भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में 12 करोड़ मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य दिया है। सभी जिले अपने उपयुक्त लक्ष्य के अनुरूप समय पर मानव दिवस सृजित करें। अफीम की खेती रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर संतोष व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी खेती कानूनी अपराध है और इसमें सजा का प्रावधान है। ऐसे में रांची, खूंटी, चतरा समेत अन्य क्षेत्रों में जहां अफीम की खेती होती है, वहां अभियान चलाकर इसकी खेती रोकी जाए।
समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव अलका तिवारी, अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह, प्रधान सचिव वंदना दादेल, सचिव कृपानंद झा, सचिव के श्रीनिवासन, सचिव अरवा राजकमल, सचिव मनोज कुमार, आदिवासी कल्याण आयुक्त अजय नाथ झा, मनरेगा आयुक्त मृत्युंजय बरनवाल, निदेशक कृषि कुमार ताराचंद, एनआरएचएम के एमडी अबु इमरान और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सभी जिलों के उपायुक्त एवं अन्य अधिकारी शामिल हुए।