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रैपिडो बाइक टैक्सी सेवा चालकों ने मांगों पर ऑफिस में की तालाबंदी,2 दिन काम ठप,दी चेतावनी

On: April 21, 2025 2:43 PM
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जमशेदपुर: रैपिडो बाइक टैक्सी सेवा के चालकों ने अपनी मांगों के समर्थन में कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विरोध प्रदर्शन करते हुए कंपनी के ऑफिस में ताला बंदी कर 2 दिन काम ठप करने का ऐलान कर दिया है।

चालकों की मांगे कुछ इस प्रकार हैं


ड्राइवरों का आरोप है कि रैपिडो कंपनी उन्हें “कैप्टन” कहकर सम्मान तो देती है, लेकिन व्यवहार उनके साथ “गुलामों” जैसा किया जाता है। ड्राइवर्स ने ऐलान किया है कि वे अगले दो दिन तक सेवा का संचालन नहीं करेंगे, और कंपनी के स्थानीय कार्यालय को भी ताला लगाकर बंद कर दिया गया है।ड्राइवर्स ने अपनी समस्याएं और मांगे सामने रखते हुए कहा है कि अब “बस बहुत हो चुका है।” उनका कहना है कि उनकी मेहनत का उचित मेहनताना नहीं मिल रहा और कंपनी मनमानी कर रही है।


ड्राइवर्स की प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:

“बाइक बूस्ट” सिस्टम तुरंत हटाया जाए

ओला की तरह सटीक नक्शा और किराया प्रणाली लागू हो

समय और दूरी आधारित किराया अलग-अलग तय किया जाए

लंबी दूरी के पिकअप पर अलग से किराया दिया जाए

रात के समय कम से कम 30% सरचार्ज लागू किया जाए

सब्सक्रिप्शन प्लान की कीमत मेट्रो शहरों की तुलना में ₹50 से कम रखी जाए

ड्राइवर्स की ID बिना किसी स्पष्ट कारण के सस्पेंड न की जाए

रैपिडो को ड्राइवर्स के साथ कंपनी-पार्टनर जैसा व्यवहार करना चाहिए, मालिक-नौकर जैसा नहीं

ड्राइवर्स का यह भी कहना है कि कंपनी का ऐप फेयर (किराया) सही नहीं दिखाता, जिससे वे घाटे में काम करते

एक नाराज़ ड्राइवर ने बताया, “हम दिन-रात सड़कों पर जान जोखिम में डालकर काम करते हैं। मगर कंपनी जब चाहे ID सस्पेंड कर देती है, बिना किसी नोटिस के। अब हमने ठान लिया है – जब तक मांगे नहीं मानी जाएंगी, हम काम नहीं करेंगे।”

ड्राइवर्स के द्वारा ऑफिस में ताला लगाने और दो दिन की हड़ताल के ऐलान से अब रैपिडो कंपनी पर दबाव बन गया है। हालांकि, अब तक कंपनी की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

अगर कंपनी ने जल्द सकारात्मक कदम नहीं उठाए, तो यह विरोध प्रदेश स्तर पर फैल सकता है और बाइक टैक्सी सेवाओं पर सीधा असर पड़ सकता है।

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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