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झामुमो सुप्रीमो को पता है कि सरना धर्म कोड में पेंच है :राम सिंह मुंडा

On: May 16, 2025 2:47 PM
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सरना धर्म कोड लागू करने के आड़ में,जाति जनगणना का विरोध,ईसाई समुदाय को सीधा लाभ पहुंचाने के प्रयास में झामुमो: राम सिंह मुंडा

जमशेदपुर: आदिवासी सुरक्षा परिषद जमशेदपुर महानगर के अध्यक्ष श्री राम सिंह मुंडा ने झारखंड मुक्ति मोर्चा द्वारा घोषित जाति जनगणना नहीं कराने के सवाल पर, अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि,

झारखंड मुक्ति मोर्चा जाति जनगणना नहीं करा कर ईसाई समुदाय को सीधा लाभ पहुंचाने का प्रयास कर रही है, क्यों कि जाति जनगणना होने से झारखंड के आदिवासी समुदाय, धर्म कोड के स्थान पर अन्य कलम का उपयोग कर सरना धर्म लिख सकेंगे, जिससे ईसाई समुदाय की संख्या झारखंड में 15% से भी घट जाएगी, और संख्या घट गई तो वोट बैंक भी घटेगा, इसके अलावा लगभग 27% आदिवासी आरक्षण का लाभ लेने वाले ईसाई समुदाय को आदिवासी आरक्षण से भी वंचित होना पड़ सकता है,क्योंकि ईसाई समुदाय को अल्पसंख्यक का लाभ पहले से ही प्राप्त हो रहा है, और अनुसूचित जनजाति जाति का लाभ अलग से,ऐसे में दोहरी लाभ भी ईसाई समुदाय नहीं ले पाएंगे, यही कारण है कि झारखण्ड मुक्ति मोर्चा सुप्रीमो हेमंत सोरेन ने सरना धर्म कोड लागू करने के नाम पर, जाति जनगणना कराने में अड़ंगा लगाना चाहते हैं, जबकि उन्हें ज्ञात होना चाहिए कि पूरे देश में आदिवासियों की संख्या लगभग 10 करोड़ 50 लाख है, झारखंड में आदिवासियों की संख्या 27% यानी कि लगभग 90 लाख है, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र, मणिपुर, असम, आदि राज्यों में भी आदिवासियों की संख्या अच्छा खासा है, ऐसे में सवाल उठता है क्या सभी राज्यों के आदिवासी समुदाय अपना अलग धर्म कोड सरना धर्म चाहते हैं या नहीं? अलग अलग राज्यों में निवास करने वाले आदिवासियों में अलग अलग भाषा, अलग अलग संस्कृति, अलग अलग परिधान, अलग अलग पूजा पद्धति, अलग अलग रहन सहन है तो? धर्म कोड सरना पर भी मत भिन्नता हो सकती है,

श्री राम सिंह मुंडा ने झारखंड के आदिवासी संगठनों के साथ साथ पूरे देश के आदिवासी संगठनों के अगुआओं को आग्रह करते हुए कहा कि देश के समस्त आदिवासियों के अगुआ करने वाले प्रमुख अनुसूचित जनजातियों के लिए अलग धर्म कोड की मांग केंद्र सरकार से आवश्य करें, आदिवासियों जन जातियों के लिए अलग धर्म कोड जरूर होना चाहिए, पर, धर्म कोड का नाम सरना ही हो इसके लिए समाज में एकजुटता के साथ साथ वैचारिक एकरूपता का होना भी आवश्यक है,

श्री राम सिंह मुंडा ने बताया कि जाति जनगणना होने से सभी जातियों कि वास्तविक आंकड़ा का पता चलेगा, और जातीय आरक्षण का लाभ भी उसी अनुपात में मिलेगा इस लिए आदिवासी सुरक्षा परिषद जमशेदपुर महानगर की ओर से जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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