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बिहार:जेपी के घर बिजली बहाल,पी के बोले,जब लोग आपकी आवाज उठाते हैं सरकार को उनकी बात पड़ती है माननी

On: May 22, 2025 2:00 AM
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सारण: जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने 20 मई को ‘बिहार बदलाव यात्रा’ की शुरुआत के बाद आज सारण जिले के मांझी नगर पंचायत में अपनी पहली और जलालपुर नगर पंचायत में अपनी दूसरी जनसभा की। सुबह सबसे पहले उन्होंने बलिया के जयप्रकाश नगर स्थित जयप्रकाश नारायण स्मारक प्रतिष्ठान का दौरा किया।


जनसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में अधिकारी और नेता राशन कार्ड बनाने से लेकर जमीन की रसीद कटाने तक के लिए रिश्वत ले रहे हैं, जिससे आम लोग परेशान हैं। इसलिए अगली बार वोट लालू, नीतीश और मोदी के चेहरे पर नहीं अपने बच्चों के चेहरे को देखकर दीजिएगा। उन्होंने मांझी की जनता से अपील की कि उन्हें और उनके बच्चों को लूटने वाले नेताओं को वोट न दें। अगली बार अपने बच्चों के लिए वोट दें और बिहार में जनता का राज स्थापित करें।

जनसभा के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कल जब हमने मीडिया के माध्यम से सरकार से जेपी जी के पैतृक घर में बिजली बहाल करने की अपील की तो प्रशासन ने तुरंत इसका संज्ञान लिया और आज जेपी जी के घर में बिजली बहाल कर दी। यह घटना बताती है कि जब जनता अपने हक के लिए आवाज उठाती है तो सरकार को उनकी मांग सुननी पड़ती है, यही लोकतंत्र की ताकत है। इसलिए जब बिहार की जनता शिक्षा और रोजगार की मांग करेगी और अपने बच्चों के हक के लिए आवाज उठाएगी तो सरकार को झुकना पड़ेगा क्योंकि लोकतंत्र में जनता ही मालिक होती है। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता लालू, मोदी, नीतीश से मुक्ति चाहती है और बिहार में जनता का राज चाहती है। इस बार बिहार की जनता ने संकल्प लिया कि वो जाति और धर्म से ऊपर उठकर अपने बच्चों की शिक्षा और रोजगार के लिए वोट करेगी। और जब जनता इस संकल्प को पूरा करेगी तो जैसे आज जेपी के घर में रोशनी आई है वैसे ही लोगों के जीवन में भी रोशनी आएगी।

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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