रांची: झारखंड हाईकोर्ट में डीजीपी के पद पर अनुराग गुप्ता की नियुक्ति और नई नियुक्ति नियमावली को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान सभी प्रतिवादियों को समय देते हुए जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस राजेश शंकर की पीठ को सुनवाई के दौरान बताया गया कि इस मामले में सभी प्रतिवादियों की ओर से जवाब दाखिल नहीं किया जा सका है। इसलिए और समय दिया जाए। इस आग्रह को स्वीकार करते हुए पीठ ने प्रतिवादियों को मोहलत दे दी। अब मामले की अगली सुनवाई 15 जुलाई को होगी। हाईकोर्ट ने पूर्व में राज्य सरकार, यूपीएससी, डीजीपी, केंद्रीय गृह मंत्रालय को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।
प्रार्थी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि डीजीपी नियुक्ति नियमावली में सरकार ने यूपीएससी की भूमिका को हटा दिया है जो असंवैधानिक है। इसलिए राज्य सरकार की नियमावली को निरस्त किया जाए।
भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने डीजीपी अनुराग गुप्ता की नियुक्ति को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। पूर्व की सुनवाई में अदालत को बताया था कि गुप्ता को एक्टिंग डीजीपी बनाना सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। फिर विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद 28 नवंबर 2024 को तत्कालीन डीजीपी अजय कुमार सिंह को पद से हटाकर अनुराग गुप्ता को एक्टिंग डीजीपी बना दिया गया। यह भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है।