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घाटशिला: झारखंड के दिवंगत शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का पार्थिव शरीर शनिवार सुबह करीब 10 बजे रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पहुंचेगा। एयरपोर्ट पर ही उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर के साथ श्रद्धांजलि दी जाएगी। इसके बाद उनका पार्थिव शरीर सीधे झारखंड विधानसभा ले जाया जाएगा, जहां सभी विधायक, नेता और आम लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे।


विधानसभा में श्रद्धांजलि सभा के बाद पार्थिव शरीर को सीधे उनके विधानसभा क्षेत्र घाटशिला ले जाया जाएगा। घाटशिला में ताम्र प्रतिभा मंच मऊभंडार क्षेत्र के लोग उनके अंतिम दर्शन करेंगे और श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद पार्थिव शरीर को झामुमो (जेएमएम) कैंप कार्यालय घाटशिला ले जाया जाएगा। यहां पार्टी कार्यकर्ता और समर्थक उन्हें श्रद्धांजलि देंगे।

अंतिम विदाई से पहले दिवंगत मंत्री के पार्थिव शरीर को आदिवासी समुदाय की सबसे बड़ी सामाजिक संस्था माझी परगना बकुल में ले जाया जाएगा। यहां माझी परगना महाल का झंडा फहराकर पूरे आदिवासी रीति-रिवाज और सम्मान के साथ उन्हें विदाई दी जाएगी। इसके बाद शाम करीब साढ़े चार बजे जमशेदपुर में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

कैसे हुआ हादसा

रामदास सोरेन 2 अगस्त की सुबह अपने आवास पर बाथरूम में फिसलकर गिर गए थे। इस हादसे में उनके सिर में गंभीर चोट लगी। पहले उन्हें टाटा मोटर्स अस्पताल जमशेदपुर में भर्ती कराया गया। लेकिन हालत नाजुक होने पर उन्हें दिल्ली के अपोलो अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहां बीते शुक्रवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।

पूरे कोल्हान में शोक की लहर

मंत्री रामदास सोरेन के निधन की खबर मिलते ही पूरे घाटशिला विधानसभा क्षेत्र समेत कोल्हान क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। संथाल समुदाय में उनकी गहरी पकड़ थी और वे एक कुशल व लोकप्रिय नेता माने जाते थे। उनके निधन से न केवल राजनीतिक गलियारों में बल्कि आदिवासी समाज में भी गहरा आघात पहुंचा है।

उनके निधन के बाद से ही राजनीतिक दलों के नेता, पार्टी कार्यकर्ता और आम लोग बड़ी संख्या में उनके आवास पहुंचकर शोक संतप्त परिवार को सांत्वना दे रहे हैं। झारखंड की राजनीति में उनकी कमी लंबे समय तक महसूस की जाएगी।