ख़बर को शेयर करें।

Kishtwar Cloudburst: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के पड्डर सब-डिवीजन के चशोती गांव में शुक्रवार को बादल फटने से आई भीषण तबाही ने सब कुछ तहस-नहस कर दिया। हादसे के बाद अब तक 65 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 200 से अधिक लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। प्रशासन के मुताबिक, अब तक 46 शवों की पहचान की जा चुकी है और कानूनी औपचारिकताओं के बाद उन्हें उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। वहीं, 500 से अधिक लोगों को रेस्क्यू किया गया है और 180 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से 40 की हालत गंभीर बनी हुई है। घायलों को किश्तवाड़ और जम्मू के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।


मचैल माता यात्रा में तबाही

यह हादसा उस समय हुआ जब हजारों श्रद्धालु मचैल माता यात्रा के पहले पड़ाव के रूप में चसोटी गांव में जुटे थे। यहां श्रद्धालुओं के टेंट, लंगर, दुकानें और बसें खड़ी थीं, जो तेज़ बहाव में बह गए। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, त्रासदी का मंजर बेहद भयावह था—मलबे से शव बरामद हो रहे थे, कई लोगों के फेफड़ों में कीचड़ भर गया था, पसलियां टूटी हुई थीं और अंग बिखरे पड़े थे।

स्थानीय लोग, सेना और पुलिस ने मिलकर घायलों को कीचड़ से निकालकर कंधों और पीठ पर लादकर अस्पताल तक पहुंचाया। अधिकारियों ने बताया कि मृतकों में सीआईएसएफ के दो जवान और जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) भी शामिल हैं।

रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

रेस्क्यू ऑपरेशन में एनडीआरएफ की 3 टीमें, सेना के 300 से अधिक जवान, व्हाइट नाइट कोर की मेडिकल टीम, पुलिस, एसडीआरएफ और स्थानीय लोग शामिल हैं। भारी मलबे को हटाने के लिए प्रशासन ने लगभग एक दर्जन अर्थ-मूवर्स लगाए हैं। एनडीआरएफ के डॉग स्क्वॉड और विशेष उपकरणों से बचाव अभियान को तेज किया गया है। प्रशासन को अब तक 75 लापता लोगों की डिटेल परिजनों द्वारा सौंपी गई है।

सीएम उमर अब्दुल्ला का दौरा

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला शुक्रवार शाम किश्तवाड़ पहुंचे और आपदा प्रभावित चशोती गांव का दौरा किया। उन्होंने नुकसान का जायजा लेने के बाद कहा कि यह “एक बहुत बड़ी त्रासदी और बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है”।

सीएम अब्दुल्ला ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से बात की है। प्रधानमंत्री ने मृतकों के प्रति दुख जताते हुए हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। अब्दुल्ला ने कहा— “प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया है कि हमें जो भी सहायता चाहिए, उसमें कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।”

मुख्यमंत्री ने मौत का आंकड़ा 60 और लापता लोगों की संख्या 60 से 70 के बीच बताई। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि “कुछ लोग आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर बता रहे हैं।”

आगे की चुनौती

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि सिर्फ राहत और बचाव कार्य ही नहीं, बल्कि हमें यह भी समझना होगा कि ऐसी घटनाएं क्यों हो रही हैं। उन्होंने इस त्रासदी से सबक लेने और भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम पर गंभीर चर्चा की ज़रूरत बताई।

फिलहाल सेना, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियों का संयुक्त रेस्क्यू अभियान जारी है। लोगों में दहशत का माहौल है और प्रशासन की प्राथमिकता मलबे में दबे लापता लोगों की तलाश है।