गगनयान मिशन की तैयारी तेज, इसरो ने किया पहला सफल एयर ड्रॉप टेस्ट

On: August 24, 2025 7:44 PM

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नई दिल्ली: भारत के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन की तैयारी एक और अहम पड़ाव पार कर गई है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट (IADT-01) को सफलतापूर्वक पूरा किया है। यह टेस्ट गगनयान मिशन के पैराशूट सिस्टम की जांच के लिए किया गया था, ताकि अंतरिक्ष से धरती पर वापसी के दौरान सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित की जा सके।
पैराशूट सिस्टम का सफल परीक्षण
गगनयान मिशन के दौरान अंतरिक्ष यात्री जिस क्रू मॉड्यूल में होंगे, उसे सुरक्षित तरीके से धरती पर लाने के लिए पैराशूट सिस्टम बेहद अहम भूमिका निभाता है। यह पैराशूट यान की गति को नियंत्रित करेगा और लैंडिंग के समय सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। IADT-01 टेस्ट इसी तकनीक को परखने के लिए किया गया।
इस मिशन में भारतीय वायु सेना, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO), भारतीय नौसेना और भारतीय तट रक्षक ने भी ISRO का सहयोग किया।
केंद्रीय मंत्री का बयान
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस सफलता पर कहा कि गगनयान मिशन के लिए ह्यूमन रेटेड लॉन्च व्हीकल (HLVM3) तैयार हो चुका है। यही रॉकेट भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष की यात्रा पर ले जाएगा। उन्होंने बताया कि क्रू मॉड्यूल और सर्विस मॉड्यूल के लिए प्रोपल्शन सिस्टम भी विकसित हो चुका है और इनकी टेस्टिंग सफल रही है।
गगनयान मिशन: भारत का पहला मानव अंतरिक्ष अभियान
गगनयान भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन होगा। इसके तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्री पहली बार स्वदेशी तकनीक से अंतरिक्ष में जाएंगे। ISRO का लक्ष्य है कि 2035 तक भारत का अपना अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) स्थापित हो और 2040 तक भारतीय वैज्ञानिक चंद्रमा पर मानव मिशन भेज सकें।
भविष्य की योजनाएं
2025-26 तक गगनयान मिशन लॉन्च
2035 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS)
2040 तक चंद्रमा पर मानव मिशन
इस सफल टेस्ट के साथ भारत ने गगनयान मिशन की दिशा में एक और ठोस कदम बढ़ा लिया है। अब देश की निगाहें उस ऐतिहासिक दिन पर टिकी हैं, जब भारतीय अंतरिक्ष यात्री स्वदेशी रॉकेट पर सवार होकर अंतरिक्ष की यात्रा करेंगे।