नई दिल्ली: नेपाल में हालिया हिंसक प्रदर्शनों और जेल ब्रेक की घटनाओं का असर अब भारत-नेपाल सीमा पर साफ दिखाई देने लगा है। सशस्त्र सीमा बल (SSB) ने पिछले दो दिनों में उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के अलग-अलग बॉर्डर इलाकों से करीब 60 नेपाली कैदियों को हिरासत में लिया है।
सीमा पर सख्ती, गश्त तेज
अधिकारियों के मुताबिक, पकड़े गए लोगों को संबंधित राज्यों की पुलिस को सौंप दिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। इनमें से कुछ लोग खुद को भारतीय मूल का बता रहे हैं, जिसकी जांच जारी है। SSB ने बताया कि नेपाल में बिगड़ते हालात के मद्देनज़र सीमा पर निगरानी और गश्त को और सख्त कर दिया गया है। स्वतंत्र फ्लैग मार्च निकाले जा रहे हैं और नेपाल की अर्धसैनिक बल आर्म्ड पुलिस फोर्स (APF) के साथ संयुक्त गश्त भी की जा रही है।
खुली सीमा, बड़ी चुनौती
भारत-नेपाल की 1,751 किलोमीटर लंबी सीमा पूरी तरह खुली और बाड़ रहित है। इस पर सुरक्षा की जिम्मेदारी SSB के पास है। करीब 50 बटालियन (लगभग 60,000 जवान) बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में तैनात हैं। वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि वैध पहचान पत्र वाले असली नागरिकों को ही सीमा पार करने की अनुमति दी जा रही है।
नेपाल में हालात अब भी गंभीर
नेपाल में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। 11 सितंबर को एक जेल में कैदियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई झड़प में 3 कैदी मारे गए थे। अब तक हुई हिंसा और भगदड़ में 8 कैदियों की मौत हो चुकी है, जबकि 15,000 से ज्यादा कैदी देशभर की 24 से अधिक जेलों से फरार हो चुके हैं। स्थिति नियंत्रण से बाहर होने के बाद नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को मंगलवार को इस्तीफा देना पड़ा। हालात सामान्य करने के लिए नेपाल आर्मी ने कई प्रांतों में कर्फ्यू और पाबंदियां लगा दी हैं, लेकिन विरोध प्रदर्शनों की आग अभी पूरी तरह शांत नहीं हुई है।
भारत भी सतर्क
भारत ने नेपाल को भरोसा दिलाया है कि दोनों देशों के वास्तविक नागरिकों के आवागमन में किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी। हालांकि सुरक्षा एजेंसियां किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
नेपाल की जेलों से भागे 60 कैदियों को SSB ने किया गिरफ्तार, भारत-नेपाल बॉर्डर पर हाई अलर्ट













