---Advertisement---

चीन ने बनाया दुनिया का पहला ‘बोन ग्लू’, टूटी हड्डियां अब 2-3 मिनट में जुड़ेंगी; मरीजों पर किया ट्रायल रहा सफल

On: September 13, 2025 5:17 PM
---Advertisement---

बीजिंग: हड्डी टूटने पर अब लंबे इलाज और मेटल इंप्लांट की झंझट खत्म हो सकती है। चीन के वैज्ञानिकों ने दुनिया का पहला ऐसा ‘बोन ग्लू’ तैयार किया है, जो सिर्फ 2 से 3 मिनट में टूटी हुई हड्डियों को जोड़ देता है। यह खोज हड्डी रोग उपचार में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली मानी जा रही है।

सीपों से मिली प्रेरणा

वैज्ञानिकों के अनुसार, यह तकनीक समुद्र में पाई जाने वाली सीपों (Oysters/Mussels) से प्रेरित है। सीपें अपनी खास किस्म की प्राकृतिक गोंद की मदद से चट्टानों से मजबूती से चिपकी रहती हैं। यही गुण देखकर रिसर्च टीम ने हड्डियों को जोड़ने वाला ‘बोन ग्लू’ तैयार किया।

बायोडिग्रेडेबल और सुरक्षित

इस ग्लू को ‘Bone-02’ नाम दिया गया है। यह एक बायोडिग्रेडेबल मैटेरियल है, यानी शरीर के अंदर खुद-ब-खुद घुल मिल जाता है और 6 महीने के भीतर पूरी तरह सूखकर समाप्त हो जाता है। खास बात यह है कि यह केवल हड्डियों को जोड़ता है, शरीर के किसी अन्य अंग या त्वचा को नुकसान नहीं पहुंचाता।

सफल ट्रायल

150 से अधिक मरीजों पर इसका सफल परीक्षण किया गया।

लैब में यह ग्लू 200 किलो तक का वजन सहने में सक्षम पाया गया।

हड्डियों को जोड़ने में इसे केवल 2–3 मिनट लगे।

6 महीने की जांच के बाद पता चला कि यह बिना किसी सर्जरी के हड्डियों को स्थायी रूप से जोड़ देता है।


डॉक्टरों की राय

रिसर्च टीम के प्रमुख डॉ. लिन जियानफेंग का कहना है, “समुद्र में पानी और चट्टानों के बीच भी सीप गोंद की वजह से मजबूती से चिपकी रहती हैं। इसी थ्योरी पर हमने बोन ग्लू बनाया, जो खून की मौजूदगी में भी हड्डियों को जोड़ने में सक्षम है।”

वैश्विक स्तर पर पेटेंट

चीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस ग्लू के लिए चीनी और इंटरनेशनल पेटेंट (PCT) के लिए आवेदन किया है। फिलहाल ट्रायल किट बाजार में उतारी गई है, और उम्मीद है कि आने वाले समय में यह तकनीक दुनियाभर के मरीजों तक पहुंचेगी।

मेटल इंप्लांट से छुटकारा

अब तक हड्डी टूटने पर सर्जरी करके मेटल प्लेट या रॉड लगानी पड़ती थी, जो दर्दनाक और महंगी प्रक्रिया होती है। लेकिन ‘बोन ग्लू’ आने के बाद इन सर्जरी की जरूरत काफी हद तक कम हो जाएगी।

यह खोज न सिर्फ ऑर्थोपेडिक सर्जरी में क्रांति लाएगी, बल्कि लाखों मरीजों को राहत भी देगी, जिन्हें हड्डी टूटने के बाद महीनों तक प्लास्टर और ऑपरेशन का सामना करना पड़ता था।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

Join WhatsApp

Join Now