गढ़वा: मुख्यालय स्थित आनंद मार्ग जागृति केंद्र, गढ़वा में रविवार को प्रभात संगीत दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रभात संगीत के रचयिता श्री श्री आनंदमूर्ति जी उर्फ़ प्रभात रंजन सरकार की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। इसके बाद मार्गी बंधुओं ने प्रभात संगीत का सामूहिक गायन कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर आनंद मार्ग प्रचारक संघ के भुक्ति प्रधान धर्मेंद्र देव ने कहा कि प्रभात संगीत, आनंद मार्ग के प्रवर्तक श्री प्रभात रंजन सरकार द्वारा प्रणीत 5018 गीतों का अनुपम संग्रह है, जो संस्कृति और संगीत के क्षेत्र में एक नए युग का सूत्रपात करता है। इसमें भक्ति, आध्यात्मिक जागरण, प्राकृतिक सौंदर्य, सामाजिक उत्थान, लोक जीवन और बाल मन से जुड़े विविध विषयों का समावेश है।
पूर्व भुक्ति प्रधान दिनेश जी ने प्रभात संगीत को रहस्यवाद और सूक्ष्म-दैवी अभिव्यक्तियों का सशक्त माध्यम बताया। सेवा दल प्रमुख देवी शरण ने कहा कि प्रभात संगीत परम पुरुष की प्रसन्नता हेतु मानव के लिए सर्वोत्तम साधना है। धर्म प्रचार सचिव रामा देव ने कहा कि प्रभात संगीत में गहन आध्यात्मिक सौंदर्य और आकर्षण है। वहीं, कार्यक्रम सचिव रजत देव ने कहा कि भागवत धर्म के अनुसार मानव जीवन का लक्ष्य परम पुरुष की प्रसन्नता है, और प्रभात संगीत इसी दिशा में मार्गदर्शन करता है।
बीपीडी प्रमुख कैलाश प्रसाद ने कहा कि प्रभात संगीत भारतीय शास्त्रीय संगीत के साथ-साथ चीनी एवं विश्व की अन्य शैलियों का सामंजस्य स्थापित करता है। आज यह एक नए संगीत घराने के रूप में लोकप्रिय हो रहा है।
इस मौके पर कुमारी निर्मला, गौतम देव, अमन देव, रागिनी देव, दिव्यानी, चाणक्य देव, घनश्याम देव, अनुप देव, मनोज देव, इंद्रजीत देव, संजय देव सहित बड़ी संख्या में मार्गी दादा-बंधु उपस्थित थे।
गढ़वा: आनंद मार्गियों ने मनाया प्रभात संगीत दिवस














