खूंटी: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान ने मंगलवार को खूंटी कचहरी परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में खूंटी, चाईबासा और चांडिल के प्रस्तावित बार काउंसिल भवनों का शिलान्यास किया। चाईबासा एवं चांडिल में बनने वाले भवनों का शिलान्यास वर्चुअल माध्यम से किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भले ही यह कार्यक्रम छोटा लगे, लेकिन इसके मायने बहुत बड़े हैं। बार भवन निर्माण के माध्यम से आम जनता को न्याय व्यवस्था से बेहतर रूप से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार का लक्ष्य है कि अगले तीन वर्षों में सभी जिलों में बार भवन तैयार हो जाएं। इसी उद्देश्य से तेजी से कार्ययोजना पर काम किया जा रहा है।

सीएम सोरेन ने जानकारी दी कि राज्य के 24 जिलों और 7 अनुमंडलों में बार भवन निर्माण की योजना है। इसके लिए करीब 132 करोड़ 84 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। उन्होंने कहा कि शिलान्यास और उद्घाटन का यह सिलसिला तीन चरणों में पूरा होगा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि न्यायालय केवल भवन नहीं बल्कि ऐसा मंदिर है जहां बिना किसी भेदभाव के न्याय दिया जाता है। उन्होंने कहा कि न्यायिक व्यवस्था में बेंच और बार दोनों ही अभिन्न अंग हैं, जो आम जनता को सुलभ और त्वरित न्याय उपलब्ध कराने के साथ-साथ उनके मौलिक अधिकारों की रक्षा करते हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि अधिवक्ताओं के लिए राज्य सरकार कई महत्वाकांक्षी योजनाएं चला रही है। झारखंड देश का पहला राज्य है जहां अधिवक्ताओं को पेंशन देने की शुरुआत की गई है। इसके अलावा स्वास्थ्य बीमा और स्टाइपेंड की भी व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि न्यायालय परिसरों की समस्याओं का समाधान सरकार की प्राथमिकता है और इसके लिए निरंतर कदम उठाए जा रहे हैं।
इस अवसर पर सांसद कालीचरण मुंडा, विधायक राम सूर्या मुंडा, विधायक सुदीप गुड़िया, महाधिवक्ता राजीव रंजन समेत बड़ी संख्या में न्यायिक एवं प्रशासनिक पदाधिकारी उपस्थित रहे।